भोपाल। प्रख्यात फिल्म अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि कोई किसी को देशभक्ति नहीं सिखा सकता क्योंकि देशभक्ति तो हर भारतीय के खून में है। ‘लोक मंथन’के समापन अवसर पर बोलते हुए खेर ने कहा कि जब भी अवसर आया है यह प्रकट होती है। उन्होंने कहा कि देशभक्ति की बात से यदि किसी को पीडा होती है तो होने दीजिए, हम तो अपना काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि पिछले दो तीन वर्षो से असहिष्णुता और देशभक्ति के विषय जानबूझकर उठाए गए हैं।
जब असहिष्णुता की बहस शुरू की गई , तब मेरे भीतर का भारतीय जागा और उसने कहा कि यह चुप रहने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि इसी कारण उन्होंने असहिस्णुता का खुलकर विरोध किया। उन्होंने बताया कि कुछ लोग देश प्रेम की बात करते वालों की उपेक्षा करने का प्रयास करते हैं। सवाल है कि आखिर देशभक्ति की बात करने पर हम रक्षात्मक क्यो हों।
उन्होंने कहा कि वे कश्मीरी पंडित हैं, इसलिए उनकी रगों में देशभक्ति है। अपने ही देश में निर्वासित होने के बाद भी कश्मीरी पंडितों ने कभी भी देश के खिलाफ कोई बात नहीं की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक भारतीय के लिए राष्ट्र सबसे पहले होना चाहिये। खेर ने कहा किसी भी व्यक्ति के अंगुलियों के निशान दुनिया में किसी दूसरे व्यक्ति से नहीं मिलते हैं। अर्थात प्रत्येक व्यक्ति अद्वितीय है। उन्होंने कहा कि सबकी अलग अलग पहचान हैं, लेकिन सबसे पहली पहचान भारतीय है।
बौद्ध धार्मिक गुरू सोमदोंग रिनपोछे ने‘लोक मंथन’के आयोजन को समयानुकूल बताते हुए कहा कि यह कार्यक्रम एक नई दिशा देगा। उन्होंने कहा कि लोक मंथन इसलिए है, क्योंकि देश, काल, स्थिति को विचार के रूप में स्वीकार करते हुए राष्ट्र सर्वोपरि को महत्व दिया है।