पीएम ने ग्रामीण इलाकों में अधिक नकदी पहुंचाने के निर्देश दिए

Samachar Jagat | Tuesday, 15 Nov 2016 09:24:50 AM
PM instructed to carry more cash in the countryside

नई दिल्ली। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों तक नकदी की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए बैंकों से नकदी निकालने की सीमा बढ़ाते हुए बैंकों में एक से अधिक बार आने और डाकघरों की शाखाओं के जरिए पैसा वितरित करने की सीमा बढ़ा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार रात हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद सोमवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि एटीएम से बड़े नोट भी निकाले जा सकेंगे और इन्हें आगामी कुछ दिनों में बढ़ाया जाएगा। एटीएम से रोजाना पैसा निकालने की सीमा अब 2,000 रुपये से बढक़र 2,500 रुपये हो गई है और बैंक के काउंटरों से अब 4,000 के पुराने नोट के बजाए 4,500 रुपये तक के नोट बदले जा सकेंगे।

देश में 200,000 से अधिक एटीएम है। दास ने कहा कि देश में 1,20,000 बैंकिंग कारेस्पोंडेंट (वे लोग जो बैंकों की तरफ से छोटी धनराशि जमा कराने के लिए अधिकृत होते हैं) हैं और देश में 130,000 से अधिक डाकघरों की शाखाएं हैं। इन कुल 250,000 में से अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में हैं और यह अधिक संख्या में नकदी देने में सक्षम होंगे। दास ने यह भी कहा कि बैंक खातों से एक सप्ताह में पैसा निकालने की ऊपरी सीमा 20,000 रुपये से बढ़ाकर 24,000 रुपये कर दी गई है। बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के उप गवर्नर के नेतृत्व में कार्यबल के गठन का फैसला किया गया है ताकि विभिन्न माध्यमों के जरिए नकदी के वितरण पर नजर बनाई रखी जा सके।

दास ने कहा कि आरबीआई जल्द ही कार्यबल की संरचना का फैसला करेगी। इसके अलावा आरबीआई ने पहले ही प्रधानमंत्री को यह आश्वासन दिया है कि देश की वित्तीय व्यवस्था में पर्याप्त मात्रा में नकद मौजूद है और सबसे बड़ी चुनौती उसके वितरण की है, जिसके समाधान के तरीके खोजे जा रहे हैं। अन्य उपायों में वरिष्ठ नागरिकों और विकलांगों के लिए और पुराने अमान्य हो चुके नोटों को बदलवाने वाले लोगों के लिए अलग कतार की व्यवस्था की गई है और पेट्रोल पंप, दवा की दुकानों और दैनिक उपभोग की जरूरी वस्तुओं की दुकानों पर पुराने नोटों को स्वीकार करने की समयसीमा 24 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा सरकार ने चालू खातों से हर सप्ताह नकद निकासी की सीमा बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है। दास ने बताया कि आरबीआई ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम से ऑनलाइन लेनदेन पर लगने वाला अधिभार हटाने हटाने का निर्देश दिया है। बैंकों को भी यही निर्देश दिए गए हैं।
 

 



 

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