लखनऊ, उत्तर प्रदेश
बलात्कार के आरोपी उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को फिलहाल जेल में ही रहना होगा। मंगलवार को उन्हें कोर्ट ने जमानत पर रिहा किया था। लखनउ की एक स्थानीय अदालत ने बुधवार को एक अन्य मामले में प्रजापति को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
बलात्कार के आरोप में प्रजापति तथा दो अन्य सहअभियुक्तों को मंगलवार को लखनऊ की पाक्सो अदालत के न्यायाधीश ओम प्रकाश मिश्र ने जमानत दे दी थी। हालांकि मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संध्या श्रीवास्तव ने सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर द्वारा दायर एक मामले में बुधवार को प्रजापति को न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
नूतन ने 20 जून 2015 को गोमतीनगर थाने में दी गई तहरीर में आरोप लगाया था कि प्रजापति ने उन्हें तथा उनके आईपीएस अफसर पति अमिताभ ठाकुर को राज्य महिला आयोग की तत्कालीन अध्यक्ष जरीना उस्मानी के साथ मिलकर रचे गए षड्यंत्र में फंसाने के लिए अपने मंत्री पद का दुरुपयोग किया।
हालांकि पुलिस ने शुरुआत में इस मामले को फर्जी बताते हुए कोई कार्रवाई नहीं की थी, लेकिन मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश पर सितम्बर 2015 में मुकदमा दर्ज किया गया था। अदालत ने बुधवार को इसी मामले में पूछतााछ के लिए प्रजापति को न्यायिक हिरासत में भेजा है।
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