नई दिल्ली। देश में नोटबंदी के कारण आम लोगों को हो रही भारी परेशानी को देखते हुए सरकार को कल से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में घेरने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मंगलवार को यहां बैठक की और भावी रणनीति पर विचार-विमर्श किया।
सूत्रों के मुताबिक गांधी के आवास पर हुई इस बैठक में 500 तथा 1000 रुपए के नोट बंद करने के बाद नकदी की कमी से देशभर में लोगों को हो रही दिक्कतों के साथ ही‘वन रैंक वन पेंशन’(ओआरओपी) के मुद्दे को संसद में जोर शोर से उठाने का फैसला किया गया। इसके अलावा वस्तु एवं सेवाकर(जीएसटी) की सीमा 18 प्रतिशत तय करने की पार्टी की शर्त को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति पर भी चर्चा हुई।
कांग्रेस नोटबंदी के बाद से सरकार पर आरोप लगा रही है कि उसने यह फैसला जल्दबाजी में और बिना किसी तैयारी के लिया है, जिसके कारण देश में अराजकता का माहौल पैदा हो गया है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी चार हजार रुपए बदलने के लिए यहां स्टेट बैंक की एक शाखा में गए थे। इससे पहले ओआरओपी मामले में यहां जंतर मंतर पर एक पूर्व सैनिक के आत्महत्या करने के मामले को भी उन्होंने जोरशोर से उठाया था और आरोप लगाया था कि सरकार ने ओरआरओपी योजना उसके सही स्वरूप में लागू नहीं की है।
बैठक में पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलामनबी आजाद तथा लोकसभा में पार्टी के नेता मल्लिकार्जन खडगे, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वरिष्ठ नेता एके एंटनी, अहमद पटेल तथा आनंद शर्मा सहित कई प्रमुख नेता मौजूद थे। गत सप्ताह गांधी का स्वास्थ्य खराब होने की वजह से उनकी गैरमौजूदगी में पार्टी उपाध्यक्ष ने कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक की अध्यक्षता की थी।