नई दिल्ली। कालेधन के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाते हुये भारत सरकार के 500 और 1,000 रुपए के बड़े नोटों को चलन से वापस लेने के फैसले का यूरोपीय संघ ने स्वागत किया है।
यूरोपीय संघ ने कहा है, कि वित्तीय प्रणाली को कालेधन से मुक्त करने और इसमें पारदर्शिता लाने से भारतीय अर्थव्यवस्था को को मजबूती मिलेगी और वृद्धि की रफ्तार तेज होगी।
यूरोपीय आयोग के उपाध्यक्ष जिर्की कटाईनेन ने वित्तीय प्रणाली को साफ सुथरा बनाने के भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की है।
इसके अलावा वस्तु एवं सेवाकर प्रणाली लागू करने और कई अन्य सुधार उपायों को तेज करने के लिये भारत सरकार की सराहना की है।
भारत-यूरोपीय संघ के बीच व्यापक व्यापार एवं निवेश समझौते पर बातचीत को आगे बढ़ाने के लिये भारत की यात्रा पर पहुंचे कटाईनेन ने कहा, कर चोरी करने वालों और अवैध संपत्ति रखने वालों के खिलाफ लड़ाई का फायदा मिलेगा और इससे वित्तीय प्रणाली में मजबूती आयेगी।
कटाईनेन ने 500 और 1,000 रुपए के नोटों को चलन से बाहर करने के सवाल पर कहा कि ऐसे सभी उपाय जो काली अर्थव्यवस्था को समाप्त करते हों उसमें कमी लाते हैं वह हमेशा ही लोगों और वित्तीय प्रणाली के लिये अच्छे होते हैं।
जीएसटी के बारे में उन्होंने कहा कि भारत में कर ढांचे में सुधार लाने के लिये यह काफी महत्वकांक्षी और काफी जरूरी उपाय है। इससे भारत में निवेशकों का विश्वास और बढ़ेगा।
यूरोपीय संघ भारत का एक प्रमुख भागीदार है। भारत और यूरोपीय संघ के बीच वस्तुओं का दोतरफा कारोबार 2014-15 में 98.5 अरब डालर रहा है।