नई दिल्ली। सरकार ने उम्र संबंधी विकारों से जूझ रहे बुजुर्गों की मदद के लिए उन्हें बैसाखी, चश्मे, सुनने की मशीन और कृत्रिम दांत जैसे वृद्धावस्था में उपयोगी उपकरण देने का फैसला किया है।
इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों को सक्रिय जीवन में लाना है और बुजुर्गों के जीवन को सामान्य बनाए रखने के लिए उन्हें ये उपकरण प्रदान कर वृद्धावस्था के अनुकूल समाज का निर्माण करना है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये सहायक उपकरण उच्च गुणवत्ता के होंगे और भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप होंगे।
इस योजना का उद्देश्य अल्पदृष्टि, सुनने में परेशानी, दांतों का टूटना और चलने फिरने में दिक्कत जैसी परेशानियों का समाधान करना है। इन उपकरणों में वॉकर, बैसाखी, ट्राईपॉड, चश्मे, सुनने की मशीन और कृत्रिम दांत शामिल हैं।
अधिकारी ने बताया कि अशक्तता की पुष्टि के लिए किसी भी सरकारी अस्पताल में कार्यरत किसी चिकित्सा अधिकारी से प्रमाणपत्र जरूरी होगा। यह योजना पूरी तरह से केंद्र द्वारा वित्तपोषित होगी। राज्यों में यह योजना राज्य के नोडल विभाग से चलाए जाएंगे।
योजना के तहत 60 वर्ष या उससे ऊपर का व्यक्ति यह सुविधा पा सकता है। साथ ही लाभार्थी के पास गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले व्यक्ति के तौर पर किसी सक्षम अधिकारी से प्राप्त प्रमाणपत्र होना चाहिए।