लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव की आगामी छह अक्टूबर को आजमगढ में होने वाली रैली निरस्त कर दी गई है। माना जा रहा है कि यादव के परिवार में चल रहे वर्चस्व की लडाई की वजह से रैली निरस्त हुई है। रैली के निरस्त होने की पुष्टि करते हुए माध्यमिक शिक्षा मंत्री और आजमगढ के मूल निवासी बलराम यादव ने युनीवार्ता को बताया कि रैली किन्ही कारणों से‘नेता जी’ने निरस्त कर दी है। सपा अध्यक्ष छह अक्टूबर को अपने संसदीय क्षेत्र आजमगढ में रैली कर 2017 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान की शुरूआत करने वाले थे।
शिक्षा मंत्री ने रैली निरस्त होनें का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया लेकिन सपा सूत्रों का कहना है कि मुलायम सिंह यादव को रैली में युवकों के विरोध की आशंका थी, इसीलिए रैली निरस्त कर दी गयी। सपा के चारों युवा प्रकोष्ठों के अध्यक्षों समेत कई पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर शिवपाल सिंह यादव को यह जिम्मेदारी सौपने के विरोध में अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। शिवपाल सिंह यादव ने अध्यक्ष पद संभालते ही अखिलेश यादव के आठ समर्थकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल सिंह यादव और बलराम यादव को शनिवार को घर पर बुलाया।
उनसे कुछ देर मंत्रणा की और रैली निरस्त करने का फैसला ले लिया। मुलायम सिंह यादव ने 2012 में भी आजमगढ में ही रैली कर चुनाव प्रचार अभियान की शुरूआत की थी। उनका मानना है कि आजमगढ उनके लिए काफी शुभ है। आजमगढ सपा का गढ माना जाता है। जिले की दस मे से नौ विधानसभा सीटों पर सपा विधायक हैं।