फतेहपुर। प्लास्टिक के समूल विनाश का संकल्प लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने के लिए लोगों को केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के स्वच्छता अभियान में हरसंभव सहयोग करना चाहिए।
योगी ने यहां करीब ढाई घंटे के प्रवास के दौरान अधिकारियों से कहा कि वह प्लास्टिक का उपयोग करने वालों के साथ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे। हथनापुर सानी गांव में योगी ने प्रधानमंत्री मोदी से वीडियो कांफ्रेसिंग कर विश्वास दिलाया कि यह अभियान में उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका अदा करेगा।
उन्होने ग्रामीण जनता, जन प्रतिनिधियों से रूबरू होकर जन समस्याएं सुनी और सभास्थल के करीब बने तालाब के किनारे वृक्षारोपण कर लोगों को श्रमदान और वृक्षारोपण के लिए प्रेरित किया। मुख्यमंत्री ने कहा दीपावली आ रही है, दीपदान के दौरान कोई कोना गंदा न रहे, जिसकी हमे शपथ लेनी होगी।
हम सफाई कर्मियों और सरकारी अधिकारियों के सहारे इस अभियान को न छोडे बल्कि इसे अपने हर दिन के एक कार्यक्रम में शामिल कर लें। सशक्त भारत के निर्माण में स्वच्छता बहुत अहम है। स्वच्छता अभियान को जन आंदोलन की तरह से चलाने की आवाश्यकता है।
इस अभियान भारत एक नये मुकाम पर पहुंचेगा। इससे न केवल सुख समृद्धि आयेगी बल्कि कुपोषण से हो रहे लाखों बच्चों को निजात मिलेगी और वे निरोगी होंगेे। उन्होंने कहा पूर्वांचल में जुलाई अगस्त सितबर महीनों के दौरान हर साल सैकड़ो लोग बुखार, चिकुनगुनियां, डेगू, मलेरिया से ग्रसित होकर मौत का शिकार हो जाते थे।
अकेले गोखरपुर मेडिकल कालेज में 500 से ज्यादा मरीज इस दौरान बिस्तरों पर होते थे। सरकार के प्रयासो का नतीजा है कि इस साल अब तक केवल संक्रामक बीमारियों से ग्रसित केवल 80 मरीज ही बीआरडी मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती हुए है और इस दौरान सिर्फ छह लोगों की इस बीमारी से मृत्यु हुई है।
योगी ने कहा मार्च 2017 में सफाई अभियान के तहत मात्र 23 फीसदी स्वच्छागृहि, राजमिस्त्री और सफाई कर्मी इस अभियान में शिरकत कर रहे थे, वहीं इस समय दो लाख 20 हजार स्वच्छागृहि प्रशिक्षण लेकर इस अभियान से जुड चुके हैं।
उन्होने दावा किया कि अक्टूबर 2018 तक हम सभी गांवों को स्वच्छ भारत अभियान ओडीओ मुक्त कर देंगे। अगर इस अभियान में कोई छूटता है, तो 2019 तक कोई परिवार ऐसा नहीं होगा जिसके घर में शौचालय न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने के लिए यह आदोंलन जनांदोलन की शक्ल ले चुका है।
इसकी किरण दूरदराज के ग्रामीण इलाकों तक पहुंच चुकी है। पिछले 17 माह में एक करोड 36 लाख शौचालय का निर्माण हो चुका है। शौचालय बना देने से ही लक्ष्य की पूर्ति नहीे होती बल्कि गली गलियारों में भी इस अभियान को चलाने की जरूरत है।