नई दिल्ली। अमेरिकी पर्यटक रहेट अपने दोस्तों के साथ भारत घूमने के लिए आठ नवंबर को दिल्ली पहुंचा लेकिन पुराने बड़े नोटों का चलन बंद करने के सरकारी फैसले ने उसकी पूरी योजना पर पानी फेर दिया।
रहेट ने पीटीआई को बताया, ‘‘हम पिछले मंगलवार को यहां आए और अपने डॉलर को भारतीय मुद्रा में बदला। लेकिन बाद में हमें एहसास हुआ कि कोई भी 500 और 1,000 रूपए का नोट नहीं ले रहा है। बड़े नोट ना हमारे होटल ने लिया और नाहीं मुद्रा बदलने वाले ने। हम मुश्किल में पड़ गए हैं।’’
अगले कुछ दिन में वापस जाने की सोच रहे रहेट का कहना है, ‘‘हमारे कितने ही प्लान थे, लेकिन सब बर्बाद हो गए।’’ उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘‘हालांकि हमने बड़े भारतीय नोट एक भारतीय विवाह में दे दिया।’’
देश को आश्चर्यचकित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ नवंबर की रात घोषणा किया कि उस दिन मध्यरात्रि के बाद से देश के मौजूदा 500 और 1,000 के नोटों का चलन बंद हो जाएगा और यह कालाधन, जाली नोट तथा भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ा कदम है।
इस दौरान भारत घूमने आए विदेशी पर्यटकों को काफी दिक्कतें आयी और उन्हें धन की कमी से जूझना पड़ा।
ब्रिटेन के ब्रिस्टल से अपने दो रिश्तेदारों के साथ आयी पेट्रिशा हमेस को भी दिल्ली में नकदी की दिक्कत हो रही है और उन्हें टैक्सी लेने तथा खरीददारी करने में परेशानी आ रही है।
पेट्रिशा ने शिकायती लहजे में कहा, ‘‘जितना संभव हो, हम उतना क्रेडिट कार्ड से खर्च कर रहे हैं। लेकिन छोटी चीजें, जैसे एक कप कॉफी या स्थानीय बाजार से खरीददारी में दिक्कत आ रही है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पता है कि हम स्टारबक्स और अन्य बड़ी दुकानों में कार्ड से भुगतान कर सकते हैं, लेकिन हम यहां वही देखने नहीं आए जो इंग्लैंड में पहले से है। हम यहां भारत देखना चाहते हैं और प्लास्टिक मनी से ऐसा कुछ नहीं हो सकता।’’