समाना। आम आदमी पार्टी आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि उनकी पार्टी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ रत्ती भर भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई है और पंजाब में अकाली-भाजपा गठबंधन के ‘भ्रष्ट शासन’ को खत्म करने का सही समय आ गया है।
उन्होंने अपनी 11 दिवसीय पंजाब यात्रा के पांचवें दिन जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘दिल्ली में हमने पहले ही दिखाया है कि आप ने भ्रष्टाचार के प्रति रत्ती भर भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाई है और भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त अपनी ही पार्टी के नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है।’’
केजरीवाल ने कहा, ‘‘जब मुझे पता चला कि मेरे मंत्रियों में से एक छह लाख रपये की रिश्वत लेने का प्रयास कर रहा था तो मैंने उसे तत्काल मंत्रिमंडल से बाहर निकाल दिया।’’
उन्होंने दावा किया कि विपक्ष के साथ-साथ मीडिया को भी आप सरकार के मंत्री के भ्रष्टाचार के बारे में कोई खबर नहीं थी।
दूसरी तरफ, अकाली मंत्रियों तोता सिंह और बिक्रम मजीठिया पर भ्रष्टाचार और नशीली दवाओं का कारोबार करने के आरोप हैं लेकिन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल उनके खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहे। उन्होंने कहा कि इसी तरह यह सामान्य जानकारी में है कि कांग्रेस नेता सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर दिल्ली में 1984 के सिख विरोधी दंगों में शामिल थे लेकिन कांग्रेस उनके खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रही।
केजरीवाल ने यह भी आरोप लगाया कि बादल और पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिंदर सिंह पंजाब के सर्वाधिक भ्रष्ट नेता हैं और ‘‘आप ने पहले ही जहां तक भ्रष्टाचार के खिलाफ रख की बात है तो अपनी दिलेरी साबित कर दी है।’’
नोटबंदी पर केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सिर्फ लोगों को मूर्ख बना रहे हैं क्योंकि इससे वास्तव में बड़े-बड़े कारोबारियों को लाभ हुआ है।
उन्होंने कहा कि अगर मोदी वास्तव में कालाधन वापस लाना चाहते हैं, तो बादल परिवार जिसने पंजाब में कालाधन का सबसे बड़ा हिस्सा जमा कर रखा है और अमरिंदर सिंह जिन्होंने स्विस बैंक में काला धन जमा कर रखा है, उनको कटघरे में लाना चाहिए था।