इम्तियाज़ आलम जो की दिल्ली के रहने वाले है, उन्होंने 20,000 निकालने के लिए पुरे चार घंटे बैंक की कतार में समय बिताया। इतनी देर लाइन में खड़े होने के बाद उन्हें कड़क नोट की जगह 10-10 रूपए के 15 किलो सिक्के थमा दिए।
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पेशे से जनसंपर्क अधिकारी आलम 500 और 1000 रुपये के अपने पुराने नोट बदलवाने शुक्रवार को जामिया को-ऑपरेटिव बैंक गए थे, लेकिन बैंक मैनेजर ने उन्हें बताया कि फंड की कमी है और वह बस 2000 रुपये तक ही बदलवा सकते हैं। लेकिन आलम ने जब मैनेजर को बताया कि उन्हें 20,000 रुपये की सख्त जरूरत है, तो मैनेजर तैयार तो हो गए, लेकिन एक शर्त के साथ कि वह उन्हें 10 रुपये के सिक्कों में ही उतने पैसे दे सकते हैं।
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आलम बताते हैं, 'पहले मैंने सोचा कि इसे (सिक्कों से भरी थैलियों को) लेकर मैं जाऊंगा कैसे, लेकिन मैं तैयार हो गया... आखिर थे तो ये वैध पैसे ही.' उन्होंने इनमें से कुछ सिक्कों से रेस्त्रां के बिल और टैक्सी किराया चुका दिया. इसके साथ वह इन सिक्कों से 2,000 रुपये का छुट्टा देने का भी ऑफर दिया है।