वैंकूवर। भारत के लिए जहां पीवी संधु और साक्षी मलिक रियो ओलंपिक में पदक जीत कर लाई हैं। वहीं वैंकूवर में 100 वर्षीय भारतीय महिला मान कौर ने भी 100 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। इस प्रतिस्पर्धा में सबसे ज्यादा उम्रदराज मान कौर ही थीं।
30 वर्ष की उम्र से अधिक के प्रतिभागियों के लिए 9 दिन का अमेरिका मास्टर्स गेम्स आयोजित किया गया जिसके लिए हजारों एथलीट वैनकूवर गए। इसमें भारत की एक 100 वर्षीया महिला मान कौर भी पहुंचीं। बुजुर्ग एथलीट के लिए आयोजित इस प्रतियोगिता में केवल 100 वर्षीय मान कौर ही महिला प्रतिभागी थीं और उन्होंने स्वर्ण पदक जीता।
100 मीटर के इस रेस में मान कौर को फिनिश लाइन तक पहुंचने में डेढ़ मिनट का समय लगा और लेकिन उन्होंने स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया। पूरी दुनिया में होने वाले मास्टर्स गेम्स में अब तक कौर 20 पदक जीत चुकीं हैं। गौरतलब है कि दुनिया के अलग अलग देशों में बुजुर्गों के लिए मास्टर्स गेम्स होते हैं। इसमें हिस्सा लेने वालों की न्यूनतम उम्र 30 साल होती है।
हर दो साल के अंतराल में विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स का भी आयोजन होता है। इस प्रतियोगिता में उनके साथ हिस्सा लेने वालों में से अधिकांश 70 और 80 साल के थे। इस उम्र में दौडक़र और रेस जीतकर मान कौर सबके लिए एक प्रेरणा बन गईं।
अपनी मां मान कौर के बारे में बताते हुए उनके 78 वर्षीय बेटे, गुरदेव सिंह ने कहा,’जीत हासिल करने के बाद वे भारत वापस चली जाएंगे, इस जीत से वे काफी खुश हैं। गुरदीप सिंह ने बताया कि वे घर का बना खाना खाती हैं और कभी भी तला हुआ खाना नहीं खातीं।
एक मिनट 21 सेकेंड में अपनी दौड़ खत्म करने के बाद कौर अपने हाथों को हवा में उठा मुस्कुराहट के साथ खड़ीं थी। उनसे जब यह पूछा गया कि ‘अब उन्हें कैसा लग रहा है’, उन्होंने गहरी सांस ली और बोलने में असमर्थता जताई। इससे पहले भी जावेलिन व शॉट में वे स्वर्ण पदक जीत चुकीं हैं। मान कौर की मदद उनके बेटे गुरदेव सिंह कर रहे थे क्योंकि रेस के बीच में वे पानी पीती थीं।