अगर आपको नई जगह जाने का शौख है ,किसी ऐसी जगह जहां जो बिलकुल हट के हो। जैसे गुफाये। .पहाड़ियां जहाँ आप एडवेंचर कर सके। क्लाइम्बिंग कर सके। ऐसे एक जगह जगह आप आम ज़िन्दगी से कुछ पल के लिए दूर जा सके। अपने दोस्तों के साथ खूब मस्ती कर सके। तो जाइये विशाखापत्तनम।
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दक्षिणी राज्य आंध्र प्रदेश में ऐसी कई गुफाएं हैं। इनमें बेलम व बोरा गुफाएं प्रमुख हैं। बोरा गुफाएं विशाखापत्तनम से 90 किलोमीटर की दूरी पर हैं। ये ईस्टर्न घाट में दो वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैली हुई हैं। दस लाख साल पुरानी ये गुफाएं समुद्रतल से 1400 फुट ऊंचाई पर स्थित हैं। भूवैज्ञानिकों के शोध कहते हैं कि लाइमस्टोन की ये स्टैलक्टाइट व स्टैलग्माइट गुफाएं गोस्थनी नदी के प्रवाह का परिणाम हैं। हालांकि अब नदी की मुख्यधारा गुफाओं से कुछ दूरी पर स्थित है लेकिन माना यही जाता है कि कुछ समय पहले यह नदी गुफाओं में से होकर और उससे भी पहले इनके ऊपर से होकर गुजरती थी। स्टैलक्टाइट व स्टैलग्माइट उस प्रक्रिया को कहते हैं जिसमें कोई खनिज पानी के साथ मिलकर प्राकृतिक रूप से जम जाता है। नदी के पानी के प्रवाह से कालांतर में लाइमस्टोन घुलता गया और गुफाएं बन गई। अब ये गुफाएं अराकू घाटी का प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।
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गुफाएं अंदर से काफी विराट हैं। उनके भीतर घूमना एक अद्भुत अनुभव है। अंदर घुसकर वह एक अलग ही दुनिया नजर आती है। कहीं आप रेंगते हुए मानो किसी सुरंग में घुस रहे होते हैं तो कहीं अचानक आप विशालकाय बीसियों फुट ऊंचे हॉल में आ खड़े होते हैं। सबसे रोमांचक तो यह है कि गुफाओं में पानी के प्रवाह ने जमीन के भीतर ऐसी-ऐसी कलाकृतियां गढ़ दी हैं कि वे किसी उच्च कोटि के शिल्पकार की सदियों की मेहनत प्रतीत होती है। कहीं चट्टानों में मसजिद बनी नजर आती है तो कहीं, गिरजाघर। कहीं मंदिर तो कहीं मशरूम। और भी न जाने क्या-क्या। इतने शिल्प कि उन्हें नाम देते-देते आपकी कल्पनाशक्ति भी थक जाए। एक जगह तो चट्टानों में थोड़ी ऊंचाई पर प्राकृतिक शिवलिंग इस तरह से बन गया है कि उसे बाकायदा लोहे की सीढि़यां लगाकर मंदिर का रूप दे दिया गया है। कहीं आपको जमीन को बांटती एक दरार भी नजर आ जाएगी तो कहीं आपको बड़े-बड़े खंभे या फिर लंबी लटकती जटाओं सरीखी चट्टानें मिल जाएंगी। गुफाओं से नदी की ओर जाने वाली धार में आपको अनगिनत चमगादड़ बैठी मिलेंगी। बताया जाता है कि गुफाओं के कुछ हिस्से ऐसे हैं जहां की पूरी पड़ताल नहीं हो पाई है और लिहाजा उनमें अभी लोगों को जाने की इजाजत नहीं है। इन गुफाओं को खोजने की कहानी भी काफी रोचक है।