दुनिया में वैसे तो अजीब गरीब दास्तां होती ही रहती है, कभी कुछ हो गया तो कभी कुछ, लेकिन क्या आपने सुना है, की जन्म से ही किसी व्यक्ति के कान पर छेद होता है। लगा न अजीब। जी हाँ , ये बिलकुल सच है। हम आपको जो स्टोरी बनते जा रहे है वो उन्हों लोगो के बारे में है। जिन लोगो के कान में ये छेद होता है, वो काफी छोटा होता है, इसे प्रीयूरीक्यूलर साइंस कहते है, जो लोग इस तरह की चीज़ के साथ जन्म लेते है।
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यूके में, सिर्फ 1 फीसदी लोगों के साथ ऐसा है। यूएस में यह फ्रीक्वेंसी और भी कम है और भारत सहित एशिया, अफ्रीका के हिस्सों में 4 से 10 फीसदी लोग इससे इफेक्टेड होते हैं। यह छेद ग्रंथि, खरोंच या डिंपल होता है जो खास तौर से उन जगहों पर होता है जहां चेहरे और कान की नरम हड्डी मिलती है।
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प्रीयूरिक्यूलर साइंस तकनीकी रूप से एक अनुवांशिक बर्थ डिफेक्ट है जो सबसे पहले साइंटिस्ट वेन हेसिंगर ने 1864 मे डॉक्युमेंट किया था। उन्होंने इसे एक कान में ही पाया था लेकिन जिन लोगों के साथ ऐसा होता है, उनमें से 50 फीसदी लोगों के दोनों कान पर छेद देखा गया है।
अगर आप दुनिया की कुल आबादी का एक फीसदी हैं तो चिंता की कोई बात नहीं। यह किसी प्रॉब्लम की तरफ इशारा नहीं है बल्कि कुछ ऐसा है जिसे आसानी से खत्म किया जा सकता है। एंटीबायोटिक्स से इसे दूर किया जा सकता है। हालांकि अधिकतर मौकों पर साइनस को दूर करने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
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