ट्विटर अकाउंट से राहुल और उनके परिवार के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट कर दिए थे। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी और उनकी पार्टी का अधिकृत ट्विटर अकाउंट हैक किया जाना केंद्र सरकार की डिजिटल इंडिया योजना के लिए खतरे की घंटी है। दिल्ली पुलिस ने इस वाकये की बाबत एफआईआर दर्ज कर ली है।
पर सवाल है कि अगर हैकरों का आतंक इसी तरह बढ़ेगा तो बहुत मुमकिन है कि तमाम लोग इंटरनेट और सोशल साइटों से अपने खाते हटा लें और वहां विचरना ही छोड़ दें।
ऐसे समय में जब भारत सरकार लगातार आम आदमी को इंटरनेट और मोबाइल जैसी अत्याधुनिक तकनीकों को बढ़-चढ़ कर इस्तेमाल करने की नसीहत दे रही है, तब उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता और निजता की सुरक्षा करना और भी अहम तकाजा है। यह विचित्र है कि देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी और उसके एक महत्त्वपूर्ण नेता का अकाउंट भेद दिया जाए और हमारी सरकार को कानोंकान खबर तक न हो!
सरकार का साइबर सुरक्षा प्रकोष्ठ हैकरों से निपटने में कारगर साबित क्यों नहीं हो पा रहा है? राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट बुधवार को रात पौने नौ बजे हैक हुआ और फटाफट उनके अकाउंट से छह पोस्टें डाली गई, जिनमें से एक में विमुद्रीकरण को लेकर टिप्पणी है। एक और पोस्ट में लिखा गया, ‘मैं और मेरा परिवार देश को पिछले साठ साल से लूट रहा है। मैं भी आम लोगों को लूटना पसंद करता हूं।’ ये दो वाक्य अपने आप यह जाहिर कर देते हैं कि पोस्ट किसी और ने डाले होंगे।
पोस्टों में आपत्तिजनक शब्दावली का प्रयोग भी किया गया है। हैङ्क्षकग के फौरन बाद कांग्रेस के आइटी सेल ने अकाउंट को नियंत्रित कर लिया। लेकिन हद तो यह कि अगले दिन पार्टी का आधिकारिक अकाउंट भी हैक हो गया, जिसे दोबारा काबू करने में तीस मिनट लगे। कथित तौर पर लीजियन नामक हैकर समूह ने हैकिंग की जिम्मेदारी ली है और दावा किया है कि उसने कांग्रेस पार्टी का ई-मेल भी हैक कर लिया है।
इस समूह का दावा है कि उसका कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं है, लेकिन उसके पास ऐसे दस्तावेज हैं कि कांग्रेस पार्टी को वह मिट्टी में मिला सकता है।
इस तरह के दावों और हैकिंग की पूरी छानबीन होनी चाहिए। सवाल यह भी है कि वे कौन लोग हैं जो कांग्रेस को मिट्टी में मिलाना चाहते हैं और इतनी सारी पार्टियों और नेताओं को छोड़ कर इन्हीं को हैकरों ने क्यों निशाना बनाया है?
लाख टके का सवाल यह है कि अगर हैकरों ने दस्तक दे दी है तो अब इसे लेकर पूरी तरह सतर्क होने की जरूरत है। कोई मामूली-सी अफवाह या किसी महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के अकाउंट से की गई टिप्पणी देश में कई और तरह की कठिनाइयां पैदा कर सकती है।
यह राष्ट्रीय सुरक्षा से लेकर नागरिकों के हितों की रक्षा का भी प्रश्न है। फिलहाल हैकरों की मंशा में कुछ ज्यादा कोण या राजनीति खोजना शायद जल्दबाजी हो, लेकिन उनका अपना दावा भी तफ्तीश के लिए दरवाजा तो खोलता ही है। राहुल गांधी ने संयमित प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने किसी पर कोई आरोप-प्रत्यारोप लगाए बिना कहा है- नफरत करने वालो, मैं तुम्हें प्यार करता हूं।
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरेजवाला ने जरूर, और उचित ही, सभी भारतीयों की डिजिटल सुरक्षा का मुद््दा उठाया है। उन्होंने कहा कि इस तरह का व्यवहार अनैतिक, शातिर और फासीवादी संस्कृति को ही दर्शाता है। बेहतर यही है कि सरकार खुद इस मामले की जल्द से जल्द जांच कराए और दूध का दूध और पानी का पानी करे।