क्या आप जानते हैं सबसे पहले किसने किया था श्राद्ध

Samachar Jagat | Wednesday, 21 Sep 2016 11:59:55 AM
Do you know who did the first memorial

अधिकतर सभी हिंदू घरों में हर वर्ष अपने पितरों और पूर्वजों की आत्मा की तृप्ति  के लिए श्राद्ध किया जाता है। श्राद्धों में सभी श्रद्धा पूर्वक ब्राह्मणों को भोजन कराते हैं। लेकिन बहुत कम लोग ये जानते हैं कि सबसे पहले श्राद्ध किसने और किसका किया था या श्राद्ध की शुरूआत कहां से हुई। अगर आप भी इसके बारे में नहीं जानते हैं तो चलिए आपको बताते हैं इसके बारे में...

श्राद्ध पक्ष में हो रही हैं अजीबो-गरीब घटनाएं, तो समझ लें पितर आपसे नहीं हैं संतुष्ट

श्राद्ध के बारे में अनेक धर्म ग्रंथों में अलग-अलग बातें बताई गई हैं। महाभारत के अनुशासन पर्व में भीष्म पितामह ने युधिष्ठिर को श्राद्ध के संबंध में बताया कि सबसे पहले श्राद्ध का उपदेश महर्षि निमि को महातपस्वी अत्रि मुनि ने दिया था। इस प्रकार पहले निमि ने श्राद्ध का आरंभ किया और पितरों को भोजन कराया, लगातार श्राद्ध का भोजन करते-करते देवता और पितर पूर्ण तृप्त हो गए।

इसके साथ ही श्राद्ध का भोजन लगातार करने से पितरों को अजीर्ण (भोजन न पचना) रोग हो गया और इससे उन्हें कष्ट होने लगा। तब वे ब्रह्माजी के पास गए और उनसे कहा कि- श्राद्ध का अन्न खाते-खाते हमें अजीर्ण रोग हो गया है, इससे हमें कष्ट हो रहा है, आप हमारा कल्याण कीजिए।

भगवान राम ने भी किया था अपने पिता का श्राद्ध

देवताओं की बात सुनकर ब्रह्माजी बोले- मेरे निकट अग्निदेव बैठे हैं, ये ही आपका कल्याण करेंगे। अग्निदेव बोले- देवताओं और पितरों। अब से श्राद्ध में हम लोग साथ ही भोजन किया करेंगे। मेरे साथ रहने से आप लोगों का अजीर्ण दूर हो जाएगा। यह सुनकर देवता व पितर प्रसन्न हुए। इसलिए श्राद्ध में सबसे पहले अग्नि का भाग दिया जाता है। महर्षि निमि द्वारा शुरू की गई श्राद्ध की परंपरा को निभाने के लिए अन्य महर्षि भी श्राद्ध करने लगे। धीरे-धीरे चारों वर्णों के लोग श्राद्ध में पितरों को अन्न देने लगे और ब्राह्मणों को भोजन कराने लगे।

 



 
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