जयपुर। श्रमण संघीय डॉ. पुष्पेन्द्र मुनि ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा किया कि वे अपने मन की बात कार्यक्रम में देश के सभी राजनेताओं को लोकसभा, राज्यसभा तथा किसी भी प्रदेश की विधानसभा, विधान परिषद् के सदस्य के रूप में कार्यकाल समाप्ति के बाद भी मिलने वाली सुविधाओं का स्वैच्छिक त्याग करनें का आग्रह करें।
डॉ. पुष्पेन्द्र मुनि ने कहा कि पेंशन, मेडीकल, रेलवे तथा अन्य अनेक उपयोगी सरकारी सुविधाओं की स्वैच्छिक त्याग के बाद सरकारी खजानें में जमा होने वाली राशि का उपयोग देश के जवानों, मेहनतकश किसानों और बिना किसी जातीय भेदभाव के निर्धन वर्ग के हुनरमन्द लोगों के कल्याणार्थ खर्च करें।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के गत 3 वर्ष के कार्यकाल में कई अनेक लोकोपकारी योजाएं प्रारम्भ हुईं, जिसका लाभ आम जनता तक सीधा पहुंच रहा है। जब प्रधानमंत्री के आह्वान पर सवा सौ करोड़ लोगों में से कुछ ने गैस सब्सिडी छोडऩे की शुरूआत की तो आपके आह्वान पर राजनेता को भी मिलने वाली सरकारी सुविधाओं का स्वैच्छिक त्याग कर जनता के समक्ष के अनुकरणीय उदाहरण पेश करना चाहिए।
मुनि ने प्रधानमंत्री के भारतीय जनता पार्टी के समस्त नेता व मंत्री, सांसदों को 8 नवम्बर के बाद का पूर्णतया बैंक ब्यौरा पार्टी अध्यक्ष को पेश करने के आदेश की भी सराहना की।