इन्टरनेट डेस्क। हिंदु परम्परा के अनुसार पूजा के दौरान दीपक प्रज्जवलित करने की मान्यता है। पुराने समय में केवल मिट्टी के दीपक जलाये जाते थे।
लेकिन अब कई लोग घरों के अंदर धातु के दीपक भी जलाते है। दीपक जलाने के पीछे पुराने लोगों का यह तर्क होता है कि इससे घर का अंधकार दूर होता है।
दीपक अधंकार को कम करने के साथ ही ज्योत का धुंआ वातावरण को भी स्वच्छ करता है बशर्ते दीपक घी या सरसों का जलाया हो। घी और तेल की सुगंध से वातावरण में मौजूद हानिकारक कणों को समाप्त कर देती है। दीपक के तेल की सुगंध से घर में उदासीनता को खत्म करती है।
वहीं घी का दीपक, बुझने के बाद करीब चार घंटे तक आसपास के वातावरण को सात्विक बनाए रखता है। इससे अस्थमा के मरीजों को भी काफी फायदा पहुंचता है।
दीपक घर से बीमारियों को भी दूर करने में बड़ी सहायक होती है। खासकर जब दीपक के साथ जब एक लौंग जलाते हैं तो इसका दोगुना फायदा होता है। घी में चर्मरोग दूर करने के सारे गुण होता है। इस कारण यह मान्यता है कि घर में घी का दीपक जलाने से घर के रोग दूर भागते हैं।
इसके जरिये प्रदूषण दूर होता है। घी का दीपक जलाने से पूरे घर को फायदा होता है। चाहे उस घर का कोई व्यक्ति पूजा में शामिल हुआ हो या ना हुआ हो। दरअसल जब दीपक में उपस्थित घी अग्नि के संपर्क में आता है तो वातावरण को पवित्र बना देता है।