हिंदू धर्म में एक गोत्र में विवाह को वर्जित माना जाता है, ये माना जाता है कि एक गोत्र में जन्में लड़की-लड़के एक दूसरे के भाई-बहन होते हैं और एक ही गोत्र में विवाह करने से इंसान को विवाह के बाद कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं इस तरह के विवाह से होने वाले बच्चे में कई अवगुण भी आ जाते हैं।
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शास्त्रों में ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक आधार पर भी इस तरह की शादियों को गलत माना गया है। वैज्ञानिक आधार के अनुसार एक ही कुल या गोत्र में शादी करने से शादीशुदा दंपत्ति के बच्चों में जन्म से ही कोई न कोई अनुवांशिक दोष पैदा हो जाता है।
एक रिसर्च के अनुसार, जन्मजात अनुवांशिक दोष से बचने का सबसे बेहतरीन जरिया है सेपरेशन ऑफ जीन्स। ऐसा तभी हो सकता है जब आप नजदीकी संबंधियों के परिवार में विवाह न करें।
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एक ही गोत्र में विवाह करने से जीन्स से संबंधित कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं। पहले आम लोगों को इन वैज्ञानिक कारणों की जानकारी नहीं थी इसी कारण शास्त्रों के द्वारा विद्वानों ने ये नियम बनाए की कोई भी एक गोत्र में विवाह न करे।
(ये सभी जानकारियां शास्त्रों और ग्रंथों में वर्णित हैं, लेकिन इन्हें अपनाने से पहले किसी विशेष पंडित या ज्योतिषी की सलाह अवश्य ले लें।)
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