वेनकुवर। भारत की 100 वर्षीय मान कौर का जज्बा साबित करता है कि जीतने की लगन हर बाधा दूर कर सकती है। चंडीगढ़ की मान कौर ने वेनकुवर में चल रहे अमेरिकन मास्टर्स गेम्स में तीन स्वर्ण जीते हैं। शॉटपट, जेवलिन और 100 मीटर रेस में मान कौर ने जीत दर्ज कर ब्रिटिश कोलंबिया में तिरंगे को सांतवे आसमान पर पहुंचाया है। 100मीटर दौड़ में मान इस उम्र की महिला श्रेणी में अकेली प्रतिभागी थीं। दौड़ खत्म करने पर 70 से 80 साल उम्र के दूसरे सहभागियों ने मान का स्वागत किया।
मान कौर की ये रही खासियत -
1.21 मिनट में पूरी की रेस
93 की उम्र में बेटे की जिद पर खेलना शुरू किया
2 स्वर्ण विश्व मास्टर्स एथलेक्सि 2014 में जीते थे
101 साल के ब्रिटिश निहाल गिल सबसे उम्रदराज खिलाड़ी
20 से अधिक पदक जीत चुकी हैं मान कौर
49 साल औसत आयु है मास्टर्स गेम्स में हिस्सा लेने वालों की
78 साल का बेटा गुरदेव सिंह भी खेलों में हिस्सा ले रहा
मान कौर कहती हैं कि पदक जीतकर बेहद खुश हूं। हम किसी भी उम्र में खेल सकते हैं। महिलाओं को खेलों में आना चाहिए, इसके लिए खानपान पर नियंत्रण रखना चाहिए। बढ़ती उम्र में चलते फिरते रहने से बीमारियां दूर होती हैं।
मान कौर के बेटे गुरुदेव ने बताया कि वह हर रोज आधा घंटा सैर करती हैं। वह खानपान का भी पूरा ख्याल रखती हैं। उनको घुटनों मे दर्द, दिल की कोई बीमारी भी नहीं है इस लिए गुरदेव ने ही उन्हें खेलने के लिए प्रेरित किया।
क्या है मास्टर्स गेम
दुनिया के अलग अलग देशों में बुजुर्गों के लिए मास्टर्स गेम्स होते हैं। इसमें हिस्सा लेने वालों की न्यूनतम उम्र 30 साल होती है। हर दो साल के अंतराल में विश्व मास्टर्स एथलेटिक्स का भी आयोजन होता है।