आईसीसी की इस हरकत से ख़फा है बीसीसीआई

Samachar Jagat | Wednesday, 23 Nov 2016 03:08:34 PM
BCCI angry on ICC because of his cut the point of indian women's cricket team

खेल डेस्क- भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पाकिस्तान के साथ एक से 31 अक्तूबर तक द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेलने के कारण छह अंक काट दिये जाने से भारतीय क्रिकेट बोर्ड के शशांक मनोहर की अगुवाई वाली आईसीसी के साथ संबंध और कड़वे हो गए हैं।

भारतीय महिला क्रिकेट टीम के पाकिस्तान के साथ 1 से 31 अक्तूबर तक द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेलने के कारण छह अंक काट दिये जाने से भारतीय क्रिकेट बोर्ड के शशांक मनोहर की अगुवाई वाली आईसीसी के साथ संबंध और कड़वे हो गए हैं। महिला क्रिकेटरों को नियमों का हवाला देकर ‘आसान निशाना’ बनाए जाने के विरोध में संभावना है कि भारत की पुरूष टीम अगले साल इंग्लैंड में होने वाली चैंपियन्स ट्राॅफी में नहीं खेले।

आईसीसी के रवैये से बीसीसीआई नाराज है और और उसने इस वैश्विक संस्था में विरोध दर्ज कराया जो इस बात से अच्छी तरह वाकिफ है कि वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी द्विपक्षीय श्रृंखला के लिये सरकर की मंजूरी जरूरी होती है। आईसीसी के भारतीय चेयरमैन इस बात को अच्छी तरह से समझते हैं। बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘आईसीसी इससे अच्छी तरह वाकिफ है कि वर्तमान परिस्थितियों में जबकि भारतीय सैनिक शहीद हो रहे हैं तब पाकिस्तान के खिलाफ खेलना संभव नहीं है।

चेयरमैन को अच्छी तरह से पता है कि हमारे लिये सरकार से मंजूरी लेना जरूरी है। ’ उन्होंने कहा, ‘‘गुप्त मकसद से उठाया गया यह कदम पाकिस्तान के हाथों में खेलने की कोशिश है। वे कहेंगे कि यदि महिला खेल सकती है तो पुरूष टीम भी खेल सकती है। यदि आईसीसी ने अपना फैसला नहीं बदला तो हमारी पुरूष टीम भी महिला टीम के साथ है और वे चैंपियन्स ट्राफी में नहीं खेलेगी। ’

आईसीसी ने अपने प्रेस नोट में कहा कि, ‘‘पीसीबी और बीसीसीआई से मिली लिखित प्रस्तुति पर विचार करने के बाद आईसीसी तकनीकी समिति ने फैसला दिया कि यह माना जाता है कि भारतीय महिला टीम ने आईसीसी महिला चैंपियनशिप के राउंड छह के पाकिस्तान के खिलाफ होने वाले तीन मैचों को गंवा दिया है और इन अंकों को पाकिस्तान को दिया जाना चाहिए।’ 

‘‘इन मैचों का आयोजन एक अगस्त से 31 अक्तूबर 2016 के बीच होना था लेकिन इनक औपचारिक कार्यक्रम तैयार नहीं किया गया था और आखिर में इनका आयोजन नहीं हुआ और तकनीकी समिति ने फैसला दिया कि आईसीसी महिला चैंपियनशिप के नियमों के अनुसार पाकिस्तान को तीन में से प्रत्येक मैच के लिये दो अंक मिलेंगे जबकि 50 ओवरों के इन प्रत्येक मैच के लिये भारत के शून्य अंक होंगे और इसी हिसाब से इसका नेट रन रेट भी समायोजित किया जाएगा।’

तकनीकी समिति ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच वर्तमान रिश्तों में यह संवेदनशील मसला है लेकिन वह इस नतीजे पर पहुंचा है कि बीसीसीआई इस श्रृंखला में नहीं खेलने के लिये ‘स्वीकार्य वजह’ नहीं दे पाया। ’ शशांक मनोहर के चेयरमैन बनने के बाद आईसीसी और बीसीसीआई के बीच कई मसलों पर मतभेद उभरते रहे हैं। राजस्व को साझा करने के लिये प्रस्तावित बदलावों से लेकर भारत का कार्यकारी समूह में नहीं होने तक मनोहर का रवैया भारत विरोधी माना जाता है जबकि बीसीसीआई सदस्यों का उनके नेतृत्व पर पूरा विश्वास है।’

बीसीसीआई के शीर्ष पदाधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसा लग रहा है कि मनोहर का बीसीसीआई के खिलाफ रवैया भारत विरोधी बनता जा रहा है। बीसीसीआई का पूर्व अध्यक्ष होने के कारण वह अच्छी तरह से वाकिफ है कि भारतीय पुरूष टीम पिछले साल पाकिस्तान के खिलाफ द्विपक्षीय श्रृंखला नहीं खेल पायी थी। इसके बावजूद यदि पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खेलने के कारण भारतीय महिला टीम के अंक काटे जा रहे हैं तो इसका मतलब है कि वह जनभावनाओं की परवाह नहीं करते। ’ संसद सत्र होने के कारण बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर टिप्पणी के लिये उपलब्ध नहीं थे।



 

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