मनोज कुमार शर्मा- बीसीसीआई के मुख्य चयनकर्ता एम.एस.के. प्रसाद द्वारा पार्थिव पटेल को साहा से कमतर बताने को लेकर विवाद गहरा गया है।
देश की सबसे धनी खेल संस्था बीसीसीआई इन दिनों विवादों के दौर से गुजर रही है। क्रिकेट को भद्र खेल के रूप में पुन: स्थापित करने के लिए सुप्रीम कोर्ट बोर्ड पर दबाव बना रहा है. लेकिन विवाद यहीं खत्म नही हो जाते। सीनियर चयन समिति के प्रमुख एम.एस.के. प्रसाद द्वारा दिए गए बयान ने क्रिकेट जगत में नए विवाद को जन्म दे दिया है।
जानिए! चयन समिति प्रमुख ने क्या कहा-
बुधवार को प्रसाद ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि रिद्धिमान साहा, पार्थिव पटेल से कहीं अधिक बेहतर विकेटकीपर है। टीम में विकेटकीपर के रूप में रिद्धिमान साहा उनकी पहली पसंद हैं।
प्रसाद ने तो यहां तक कह दिया कि पार्थिव ने पिछले कुछ सालों में गुजरात के लिए अच्छी बल्लेबाजी की है। वह बल्ले से शानदार रहे हैं और सबसे बड़ी बात उनकी विकेटकीपिंग पहले से बेहतर हुई है। पार्थिव ने बल्ले से अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन साहा ही हमारे नंबर एक विकेटकीपर हैं।
साहा को बताया नंबर वन-
अब सवाल यह उठता है कि क्या चयन समिति प्रमुख का एक खिलाड़ी को इस प्रकार खुला समर्थन करना और दूसरे खिलाड़ी को उससे कमतर बताना क्या किसी भी लिहाज से उचित कहा जा सकता है? प्रसाद के बयान से क्या आठ साल बाद टीम इंडिया में वापसी कर रहे विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल अपना मनोबल बरकरार रख पाएंगे। प्रसाद ने तो साहा को खुले तौर पर नंबर वन घोषित कर दिया, जबकि पार्थिव उनसे उम्र और अनुभव के मामले में कहीं अधिक आगे हैं।
पार्थिव ने दोनों पारियों में खेली उपयोगी पारी-
पार्थिव ने आठ साल बाद भारतीय टीम में वापसी की है। उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ हुए तीसरे टेस्ट में नियमित विकेटकीपर साहा के चोटिल होने के बाद टीम में शामिल किया गया था। पार्थिव ने तीसरे टेस्ट की पहली पारी में 42 और दूसरी पारी में 67 रन बनाए थे।
पार्थिव के अगला मैच खेलने पर संशय-
भले ही पार्थिव पटेल ने अपनी वापसी को दमदार बल्लेबाजी और सटीक विकेटकीपिंग से सफल बनाया हो लेकिन इसके बावजूद यह कहना मुश्किल है कि वह अगले टेस्ट मैच में टीम का हिस्सा रहेंगे भी या नहीं। क्यूंकि चयन समिति प्रमुख ने तो साहा को ही अपना चहेता बताकर उनके नाम पर मोहर लगा दी है।
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