पोर्टल और प्रतिस्पर्धाओं के जरिये होगी खेल प्रतिभाओं की पहचान: गोयल

Samachar Jagat | Thursday, 01 Dec 2016 02:41:27 PM
Game portal and will identify talents through competitions

नई दिल्ली। केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री विजय गोयल ने आज कहा कि देश में प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों की पहचान के लिए एक पोर्टल शुरू करने के साथ ही जिला स्तर पर प्रतियोगिताएं आयोजित करने की योजना है। 

गोयल ने लोकसभा में प्रश्नकाल में कहा कि सरकार देश में खेल प्रतिभाओं की खोज की दिशा में काम कर रही है जिससे कि जरूरतमंद बच्चों को प्रशिक्षण देकर राष्ट्रीय पर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओलंपिक जैसी स्पर्धाओं में शामिल होने के लिए तैयार किया जा सके।

उन्होंने कहा कि इसी क्रम में सरकार 2020 के तोक्यो ओलंपिक के लिए भी देश में खिलाडिय़ों की खोज और उन्हें प्रशिक्षण की दिशा में काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार एक ‘स्पोर्ट्स टैलेंट सर्च’ पोर्टल शुरू कर रही है जिस पर आठ साल से अधिक उम्र के खिलाडिय़ों का बायोडाटा और फोटो तथा वीडियो अपलोड किया जा सकता है। ऐसे बच्चों में से प्रतिभाशाली खिलाडिय़ोंं को पहचानकर उन्हें प्रशिक्षण दिलाया जाएगा।

गोयल ने हुकुम सिंह तथा तथागत सतपति के प्रश्नों के उत्तर में बताया कि इसके अलावा खेल मंत्रालय मौजूदा वित्त वर्ष 2016-17 से ‘खेलो इंडिया-राष्ट्रीय खेल विकास कार्यक्रम’ को लागू कर रहा है। इस योजना में पूरे भारत में 14 साल और 17 साल तक के दो आयु वर्गों में वार्षिक खेल प्रतिस्पर्धाएं आयोजित करने का प्रावधान है।

खेल मंत्री विजय गोयल के मुताबिक इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खेलों में लडक़े- लड़कियों की सामूहिक सहभागिता को बढ़ावा देना और स्पर्धाओं के माध्यम से प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों की पहचान करने के साथ खेलों के लिए बुनियादी सुविधाओं का निर्माण करना है।

उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर और उससे आगे के स्तर पर आयोजित प्रतिस्पर्धाओं में चयनित प्रतिभाशाली खिलाडिय़ों को 12 महीने की अवधि के लिए छात्रवृत्ति दी जाएगी। इनमें जिलास्तरीय प्रतियोगिताओं में चयनित प्रतिभाओं को 500 रपये प्रतिमाह, राज्य स्तर पर चयनित बच्चों को 1000 रपये प्रति महीने और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में चुने गये लडक़े-लड़कियों को 2000 रपये प्रति महीने दिये जाने का प्रावधान है।

गोयल ने कहा कि सरकार देश में बच्चों और युवाओं के समग्र विकास में खेल और शारीरिक शिक्षा की भूमिका को मानती है। इस नीति के तहत सरकार ने शिक्षा के अधिकार कानून के तहत सभी स्कूलों के लिए खेल के मैदानों की सुविधा और खेल प्रशिक्षक की नियुक्ति की दिशा में कदम उठाया है।            -एजेंसी



 

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