नई दिल्ली। देश को शीर्ष बैडमिंटन प्रतिभाएं देने वाले राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खेलों की ओर रुझान की प्रषंसा की। गोपीचंद ने बीत दिन मंगलवार को रत्न पुरस्कार समारोह के दौरान ये कहा। गोपीचंद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खेलों की ओर रुझान सराहनीय है और केंद्र की मौजूदा सरकार देश में खेलों को सर्वाधिक मददगार रही है।
एक दिन पहले ही गोपीचंद की शिष्या रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली पी.वी. सिंधु को राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार प्रदान किया गया।
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गोपीचंद ने कहा कि प्रधानमंत्री की तरफ से खेलों के प्रति रूचि दिखाए जाने के कारण देश में खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा उठा है।
गोपीचंद ने कहा, ‘‘जब आपके प्रधानमंत्री मैच के बीच में ट्वीट करते हैं, तो आप इससे समझ सकते हैं कि वह किस कदर खेलों में रूचि ले रहे हैं। सिर्फ ओलंपिक के दौरान ही नहीं बल्कि ओलंपिक से ठीक पहले उन्होंने हर खिलाड़ी से निजी तौर पर मुलाकात की और ओलंपिक खेलों से लौटने के बाद भी वह सभी खिलाड़ियों से दोबारा मिले।’’
गोपीचंद ने कहा, ‘‘देश के सर्वोच्च पदस्थ व्यक्ति की ओर से इतनी रूचि दिखाए जाने से खिलाड़ियों का मनोबल ऊंचा उठता है।’’
उल्लेखनीय है कि गोपीचंद की ही शिष्या रह चुकीं देश की शीर्ष महिला खिलाड़ी सायना नेहवाल पिछले ओलंपिक खेलों में देश के लिए कांस्य पदक जीती थीं। गोपीचंद ने खिलाड़ियों की अवहेलना करने के लिए पूर्व केंद्र सरकारों की आलोचना भी की।
उन्होंने कहा, ‘‘लंदन ओलंपिक के बाद मैं और सायना प्रधानमंत्री कार्यालय गए थे, जहां हमें प्रधानमंत्री से मिलने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था। हम वहां बैठे प्रधानमंत्री से मिलने का इंतजार कर रहे थे और किसी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। ऐसा लग रहा था जैसे हम किसी राजनीतिक दल के आम कार्यकर्ता हों। आखिर हमने ओलंपिक पदक जीता है, लेकिन किसी को कोई परवाह ही नहीं थी।’