नई दिल्ली। भारतीय बैडमिंटन टीम के मैनेजर अरुणाचल प्रदेश के बमांग टैगो को चीनी सरकार ने चाइना सुपर सीरिज प्रीमियर बैडमिंटन टूर्नामेंट के लिए वीजा नहीं दिया।
टैगो अरुणाचल प्रदेश बैडमिंटन संघ के सचिव भी हैं। उन्हें अरुणाचल प्रदेश का मूल निवासी होने के कारण दिल्ली स्थित चीनी दूतावास ने वीजा नहीं दिया। उन्होंने 10 नवंबर को आवेदन किया था।
टैगो ने गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू से दखल की मांग की थी। टैगो ने प्रेस ट्रस्ट से कहा ,‘‘ मैं 10 नवंबर से दिल्ली में हूं लेकिन अभी तक मुझे वीजा नहीं मिला। मैं भारतीय टीम का मैनेजर हूं और वह पहला दौर वहां खेल रही है जबकि मैं यहां फसा हूं।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ जब मैने चीनी दूतावास से इस बारे में पूछा तो अधिकारियों ने मुझे बताया कि अरुणाचल प्रदेश का होने के कारण मुझे चीन से मंजूरी की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ चीनी दूतावास से तब से कोई जवाब नहीं मिला है। मैने आज किरण रिजिजू से मुलाकात की और उनके दखल की मांग की। उन्होंने कहा कि वह मामले पर गौर करेंगे। उम्मीद है कि कुछ सकारात्मक होगा।’’
टैगो को कल से शुरू होकर 20 नवंबर तक चलने वाले चाइना ओपन में भारतीय टीम के साथ जाना था।
भारतीय बैडमिंटन संघ ने भारतीय दल के सभी सदस्यों के दस्तावेज चीनी दूतावास में कई सप्ताह पहले जमा कराए थे। बाकी सभी 13 सदस्यों को वीजा आसानी से मिल गया और वे 12 नवंबर को फुझोउ रवाना हो गए लेकिन टैगो यही रह गए।
उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे अरुणाचल का होने के कारण वीजा नहीं मिला। चीन का यह रवैया पक्षपातपूर्ण है। भारत की आजादी के बाद 1962 में हुए चीन के हमले को 54 साल हो गए। अरुणाचल प्रदेश का मसला अभी भी विवादित है जिससे अरुणाचल के मूल निवासियों का भविष्य अनिश्चित हो गया है।’’
इससे पहले 2011 में भारत की पांच सदस्यीय कराटे टीम को क्वांझू में एशियाई कराटे डू चैम्पियनशिप में जाने की अनुमति नहीं मिली थी जिनके पास स्टैप्ल्ड वीजा थे। जनवरी 2012 में अरुणाचल की भारोत्तोलन टीम इसी जवह से नहीं जा सकी थी।
अक्तूबर 2013 में अरुणाचल के दो युवा तीरंदाज चीन के वुक्सी में युवा विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में भाग नहीं ले सके थे।