मैनचेस्टर। उनकी गेंद पर छक्के लगते हैं तो वह इससे कभी परेशान नहीं होते क्योंकि बचपन से ही वह खराब स्पैल के दबाव से निपटने के लिए तैयार हुए हैं। यह बात भारत के कलाई के स्पिनर कुलदीप यादव ने कही।
उन्होंने अभी इंग्लैंड के खिलाफ पहले टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में भारत की आठ विकेट की जीत के दौरान 24 रन देकर पांच विकेट लिए थे।

इस शानदार प्रदर्शन के बाद कुलदीप ने कहा है कि जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया तो मेरे कोच कपिल पांडे इस तरह गेंदबाजी कराते थे कि बल्लेबाज मेरी गेंदों पर छक्के लगाएं।
वास्तविक मैच में क्या होता है यह समझने के लिए मैं अपनी गेंद पर छक्के खाने का अभ्यास करता था। बाएं हाथ के इस चाइनामैन गेंदबाज ने कहा है कि मैं दबाव महसूस नहीं करता।
यह ऐसी चीज है जो मैंने काफी जल्दी सीख ली थी और आज मेरे खिलाफ रन बनने पर मैं नहीं डरता। कुलदीप ने साथ ही बेसिक्स सही रखने की जरूरत पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा है कि अगर आप विकेट हासिल करना चाहते हो तो आपको गेंद को टर्न कराना होगा। अगर टर्न या ड्रिफ्ट नहीं हो रही तो फिर आप स्पिनर नहीं हैं। अगर स्पिनर टी-20 मैच में चार से पांच विकेट लेता है तो आपकी टीम फायदे में होती है।
मैंने बचपन में जो भी सीखा उसे यहां लागू करने की कोशिश कर रहा हूं। टास हारकर बल्लेबाजी करने उतरे इंग्लैंड को जोस बटलर ने अच्छी शुरुआत दिलाई लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने अपनी विविधता से मैच का रुख बदल दिया।

कुलदीप ने अपने तीसरे और पारी के 14वें ओवर में तीन विकेट चटकाए। इस पर कुलदीप ने कहा है कि इंग्लैंड ने बल्ले से काफी अच्छी शुरुआत की। छह या सात ओवर में उनका स्कोर 65 रन के आसपास था।
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जब मैं गेंदबाजी के लिए आया तो मैंने विकेट देखा और यह थोड़ा सूखा था। उन्होंने बताया कि मैंने अपनी गति में विविधता के साथ शुरुआत की। मुझे लगा कि अगर मैं थोड़ी धीमी गेंद करूं तो मौका बनेगा।
इसके बाद जब मैं दूसरे ओवर में गेंदबाजी के लिए आया तो मैंने गति कम रखी और फ्लाइट में इजाफा किया और इसे बरकरार रखा। मेरी योजना बल्लेबाजों को बाहर निकालने की थी। इससे कि उन्हें आसान गेंद नहीं मिले। मैं उन्हें कोई गति नहीं देना चाहता था क्योंकि इससे उनके लिए चीजें आसान हो जाती। मैं अपनी गति में बदलाव कर रहा था।