ये है टीम इंडिया के सबसे सफल टेस्ट कप्तान, विराट दे रहे है चुनौती...

Samachar Jagat | Friday, 02 Dec 2016 12:52:57 PM
team India most successful Test captain

क्रिकेट में कप्तान बिना किसी शक अपनी टीम का बॉस होता है। वह टीम की अच्छाई और बुराई का जिम्मेदार भी होता है। वह आगे टीम को लीड करता है साथ ही टीम के बाकी खिलाडिय़ों के लिए प्रेरणा का काम करता है। लेकिन क्रिकेट एक ऐसा खेल है ऐसे में सबकुछ कप्तान के बस का ही नहीं होता है। ऐसे ही हम आपको भारतीय टीम के टेस्ट कप्तानों के बारे में बताने जा रहे है जो मील के पत्थर बने।

भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान:-

(1) महेंद्र सिंह धोनी


महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम की कप्तानी साल 2008 में संभाली थी। 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जब आखिरी टेस्ट में अनिल कुंबले नहीं खेल सके थे तब टीम प्रबंधन ने धोनी पर भरोसा जताते हुए उन्हें फुल टाइम टीम की कमान संभालने को कहा। 

धोनी की कप्तानी में टीम ने 2008, 2010 और 2013 में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी जीतने में कामयाबी पाई। साल 2013 में पिछले 40 सालों में ऑस्ट्रेलिया का सूपड़ा साफ करने वाली पहली टीम बनी टीम इंडिया। धोनी की कप्तानी में टीम ने दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर 1-1 से सीरीज बराबर करने में कामयाब रहा। 

2013 में धोनी को भारत का सबसे सफल टेस्ट कप्तान बनने का गौरव प्राप्त हुआ। 2013 में धोनी ने सौरव गांगुली को (49 टेस्ट में 21 जीत) पीछे छोड़ते हुए सबसे सफल कप्तान का तमगा हासिल किया। सौरव गांगुली ने भी एक इंटरव्यू में धोनी को भारत का सबसे सपल कप्तान करार दिया। धोनी ने अपने करियर में हर बड़ी टीम के खिलाफ भारत को सीरीज जितवाई। धोनी की कप्तानी में भारत ने 60 टेस्ट मैच खेले जिनमें भारत को 27 मैचों में जीत हासिल हुई वहीं 18 में उसे हार का सामना करना पड़ा और 15 मैच ड्रॉ रहे।

भारतीय टीम को 27 जुलाई और भारतीय टीम को नंबर वन का ताज पहनाया। महेंद्र सिंह धोनी का जीत  हार का अनुपात 1.500 था। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया पहली बार टेस्ट की नंबर वन रैंकिंग भी हासिल की।

(2)  सौरव गांगुली


सौरव गांगुली ने भारतीय टीम को एक बहुत अच्छी मजबूत टीम बनाया। सौरव गांगुली का जीत-हार का अनुपात 1.615 था।  गांगुली की कप्तानी टीम ने 11 टेस्ट विदेशी घरती पर जीते। 2000 से 2005 के बीच अपनी कप्तानी में गांगुली ने 49 टेस्ट मैचों में से 21 जीते और 13 में उनको हार का सामना करना पड़ा, जबकि 15 मैच ड्रॉ रहे। गांगुली की जीत का प्रतिशत 42.86 रहा।  

(3) मोहम्मद अजहरुद्दीन


1990 में टीम इंडिया की कमान संभालने वाले मोहम्मद अजहरुद्दीन गांगुली और धोनी से पहले टीम इंडिया के सबसे सफल टेस्ट कप्तान रहे। मोहम्मद अजरुद्दीन को 'कलाई के जादूगर' भी कहा जाता है। बल्लेबाजी में कलाई के शानदार उपयोग के लिए मशहूर इस कप्तान पर मैच फिक्सिंग का भी साया रहा और उनको प्रतिबंद भी झेलना पड़ा था। अजहर के नाम से मशहूर इस कप्तान ने 47 टेस्ट में भारत के नेतृत्व दिया और 14 मैचों में जीत टीम के नाम की। खास बात यह कि उन्हें 14 मैचों में ही हार का भी सामना करना पड़ा, जबकि 19 टेस्ट बराबरी पर समाप्त हुए।

(4)  सुनील गावस्कर


भारत के सफलतम कप्तानों की सूची में चौथे स्थान पर दुनिया के महान ओपनर सुनील गावस्कर हैं जिन्होंने 1976 से 1985 तक टीम का 47 टेस्ट मैचों में नेतृत्व किया था। उनकी कप्तानी में टीम नौ बार जीती तो आठ बार हारी और 30 टेस्ट बेनतीजा रहे थे। गावस्कर का सफलता प्रतिशत 19.14 है। उन्होंने बतौर कप्तान 50.72 की औसत से 3449 रन 11 शतक बनाये और 45 कैच भी लपके। जबकि 125 टेस्टों में उनके नाम 10122 रन 34 शतक दर्ज हैं और उन्होंने 108 खिलाडिय़ों को कैट भी किया है। उन्होंने टेस्ट इतिहास में सबसे पहले 10000 रन और 34 शतक बनाने का रिकॉर्ड कायम किया था।

(5)  नवाब ऑफ पटौदी 


भारत के पांचवें सबसे सफल टेस्ट कप्तान नवाब ऑफ पटौदी हैं जिन्हें हम मंसूर अली खान पटौदी के नाम से भी जानते हैं। 1962 से लेकर 1975 तक 40 मैचों में कप्तानी करने वाले नवाब ऑफ पटौदी ने टीम को नौ मैचों में जीत दिलाई तो 19 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जबकि 12 मैच बराबरी पर छूटे। उनका बतौर कप्तान सफलता प्रतिशत 22.50 है। नवाब ऑफ पटौदी ने बतौर कप्तान इन मैचों में 34.14 की औसत से 2424 रन पांच शतक बनाये और 26 कैच भी पकड़े। जबकि उन्होंने अपने कॅरियर में खेले 46 टेस्ट मैचों में 34.91 की औसत से 2793 रन छह शतक बनाये जिसमें नाबाद 203 रन उनका सर्वोच्च निजी स्कोर रहा। बतौर फील्डर नवाब ऑफ पटौदी के नाम 27 कैच दर्ज हैं।

(6)  विराट कोहली 


अब इस लिस्ट में एक और नाम जुड सकता है वो है भारतीय टीम का उभरता हुआ सितारा विराट कोहली। महेंद्र सिंह धोनी अभी भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान हैं, लेकिन यदि पहले 20 टेस्ट मैचों में नेतृत्व की बात की जाए तो विदेशी धरती पर विराट का रिकॉर्ड उनसे बेहतर है।

28 वर्षीय विराट अपने उम्दा प्रदर्शन से टीम के प्रेरणास्त्रोत भी बने रहते हैं जिसके चलते टीम के प्रदर्शन में निरंतर सुधार हो रहा है। टीम इंडिया को अभी इस सत्र में अपने घर में सात टेस्ट मैच और खेलने है टीम के अपने घर में प्रदर्शन को देखते हुए कप्तानी के मामले में विराट का रिकॉर्ड तेजी से और बेहतर होने का अनुमान है। विराट के नेतृत्व में खेले 20 टेस्ट मैचों में से भारत ने 12 में जीत दर्ज की जबकि 2 मैच हारे और 6 ड्रॉ रहे।



 

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