नई दिल्ली। शौक से जुनून बनी 'सेल्फी' की इस 'संक्रामक' बीमारी से होने वाली मौतों को मात देने की तैयारी हो रही है। सेल्फी के लिए खतरनाक पोज देने वालों को अब चेतावनी मिल सकेगी कि इस 'करामती' पोज से उनकी मौत हो सकती है।
अमेरिका में पेनसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में कारनेगी मेलन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता एक ऐसा ऐप बना रहे हैं जिससे खतरनाक स्थानों पर सेल्फी के लिए पहुंचने से पहले ही अलर्ट की घंटी बज जायेगी। इस विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कम्प्यूटर साइंस में पीएचडी कर रहे हेमनाक लांबा और उनकी टीम इस ऐप पर काम कर ही है। टीम ने इसके लिए 'एलगौरथम' (कलनविधि) विकसित की है जो आंकडों और तथ्यों के आधार पर लोगों को यह बता सकेगा कि कौन सा स्थान खतरनाक है या सुरक्षित है।
इसमें तीन हजार सेल्फी का परीक्षण किया गया है। उसका दावा है कि देश, समय और स्थिति के आधार पर खतरनाक सेल्फी की पहचान और अलर्ट से संबंधित शोधों में 70 प्रतिशत से अधिक सफलता मिली है और शीघ्र ही वे इस ऐप को लांच कर सकेंगे।
सेल्फी के दौरान अब तक सबसे अधिक मौतें भारत में हुयी हैं और हर वर्ष यह आंकड़ा बढ़ रहा है। इस टीम के अनुसार मार्च 2014 में सेल्फी मौत का पहला पुष्ट मामला सामने आया था। उसके बाद से अबतक 127 लोगों की मौत हो चुकी हैं जिनमें सर्वाधिक 76 भारतीय हैं। इसके बाद पाकिस्तान, अमेरिका और रूस में सेल्फी के चक्कर में लोगों की जानें गयी हैं।
हाल ही में विशेषज्ञों ने एक अध्ययन के बाद सेल्फी को एक तरह की मानसिक बीमारी की तरह माना है। वर्ष 2013 में ऑक्सफोर्ड इंग्लिश शब्दकोश ने सेल्फी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए 2013 में ऑक्सफोर्ड इंग्लिश शब्द कोश के ऑनलाइन वर्जन में भी इसे शामिल कर लिया। इस शब्द को 2013 का'वर्ड ऑफ द ईयर' भी घोषित किया गया। लेकिन समय के साथ सेल्फी के चक्कर में लोगों की मौत का सिलसिला शुरू हो गया।
सोशल मीडिया के इस दौर में 'सेल्फी मौतों' की संख्या लगातार बढ़ रही है। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्स एप, आदि पर ज्यादा से ज्यादा 'लाइक्स' बटोरने की चाह में कई लोग जोखिम उठाने से हिचकते नहीं हैं। सेल्फी के कारण कई दिल दहलाने वाली घटनाएं हुयीं हैं।
अलग अंदाज में सेल्फी लेने के चक्कर में महाराष्ट्र के नागपुर की एक झील में नाव पर सवार छात्रों की मौत हो गयी। नौका पर क्षमता से अधिक छात्र सवार थे और नौका पलट गयी। आगरा में ताजमहल के सामने एक जापानी पर्यटक सेल्फी लेने के दौरान सीढिय़ों से नीचे गिर गया और इलाज के दौरान उसकी अस्पताल में मौत हो गई।
रूस में एक किशोर की रेलवे पुल के ऊपर सेल्फी लेने के चक्कर में पैर फिसलने से गिरकर मौत हो गयी।अमेरिका के कैलिफोर्निया में एक महिला ने बंदूक के साथ सेल्फी लेनी की कोशिश की। इस बीच बंदूक का ट्रिगर दबने से उसकी मौत हो गई। सिंगापुर में पहाड़ की चोटी पर सेल्फी के दौरान एक व्यक्ति नीचे गिर गया। बुल्गारिया में सांडों के साथ सेल्फी खींचना भी एक व्यक्ति को महंगा पड़ गया।
वर्ष 2005 में पहली बार सेल्फी शब्द का इस्तेमाल किया गया था और'टाइम'पत्रिका ने सेल्फी शब्द को उस साल के शीर्ष 10 शब्दों में स्थान दिया।धीरे-धीरे सेल्फी प्रेम ने शौक से जुनून और जुनून से 'आत्मघाती' रूप अख्तियार कर लिया।
इसी चिंता ने युवा वैज्ञानिकों को सेल्फी अलर्ट ऐप विकसित करने लिए प्रेरित किया।