नई दिल्ली। भारतीयों ने स्वास्थ्य और चिकित्सा की वजह से एक रात की यात्रा पर सबसे अधिक औसतन 15,000 रूपए से अधिक खर्च किए। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) का ताजा सर्वेक्षण जुलाई, 2014 से जून, 2015 की अवधि के लिए है। वहीं इसके बाद शॉपिंग या खरीदारी का नंबर आता है। एनएसएसओ ने एनएसएस 72 वें दौर के हिस्से के तहत अपनी रिपोर्ट भारत में घरेलू पर्यटन के महत्वपूर्ण संकेतक के निष्कर्ष जारी किए। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने एक बयान में यह जानकारी दी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य एवं चिकित्सा के लिए एक रात की यात्रा सबसे महंगी बैठती है। इसका औसतन खर्च 15,336 रूपए है। वहीं शॉपिंग के मकसद से एक रात की यात्रा का औसत खर्च 13,902 रूपए है। ताजा दौर में एक रात की यात्रा यानी ओवरनाइट ट्रिप को 12 घंटे से अधिक ठहरने की अवधि के हिसाब से परिभाषित किया गया है। इसमें मध्यरात्रि में 12 से सुबह 5 बजे तक रूकना शामिल होता है। वहीं पिछले दौर में कम से कम दो कैलेंडर दिवसों की अवधि पूर्ण या आंशिक को शामिल किया गया था।
सर्वेक्षण के नतीजों में पूरे भारत को शामिल किया गया है। ये एनएसएसओ के नमूनों पर आधारित हैं। इनमें सभी राज्यों और संघ शासित प्रदेशों के 8,001 गांव और 6,061 शहरी ब्लाकों को शामिल किया गया। सर्वेक्षण में कहा गया है कि पिछले 365 दिनों में अखिल भारतीय स्तर पर ज्यादातर एक रात की यात्रा का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य और चिकित्सा था। ग्रामीण इलाकों से 2.87 करोड़ तथा शहरी क्षेत्रों से 79.2 लाख लोगों ने यह यात्रा की।