जब भी कहीं बाहर घूमने की बात आती है तो सभी अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ जाना चाहते हैं। लेकिन आजकल एक नया ही ट्रेंड चल रहा है इसका नाम है सोलो ट्रैवलिंग। महिलाएं सोलो ट्रैवलिंग करने में पुरूषों से आगे हैं। देश में अकेले घूमने वाली महिलाओं की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़ों की मानें तो करीब 40 फीसदी महिलाएं सोलो ट्रैवलिंग कर रही हैं। आप जरूर जानना चाहेंगे कि ये सोलो ट्रैवलिंग क्या होती है आइए आपको बताते हैं इसके बारे में....
हाथ से बुनकर तैयार किया गया है ये ब्रिज
सोलो ट्रैवलिंग यानी अकेले घूमना, यूं तो अकेले घूमना थोड़ा अटपटा है लेकिन अकेले घूमके आपको ऐसा बहुत कुछ मिलता है जिसे आप ग्रुप में यात्रा करते हुए कभी नहीं पा सकते हैं। अकेले यात्रा करके जहां एक तरफ आप नए लोगों से मिलते हैं तो वहीं दूसरी तरफ आप जिस स्थान पर जा रहे हैं वहां की सभ्यता और संस्कृति को और बेहतर ढंग से समझ पाते हैं।
किसी एडवेंचर से कम नहीं है हिमालय के पहाड़ों में ट्रेकिंग करना
सोलो ट्रैवलिंग की एक बात और है कि ऐसे में आप पूर्ण रूप से स्वतंत्र होते हैं और अपने फैसले खुद ले सकते हैं। सोलो ट्रैवलिंग में आपके ऊपर किसी प्रकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होती है इसलिए आप घूमने-फिरने का भरपूर मजा ले सकते हैं।
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