आपको साल 2009 में आयी फिल्म 'थ्री इडियट्स' तो याद ही होगी। उसमे आमिर खान का किरदार भी, मिस्टर फुन्सुक वांगडू' और उसी फिल्म में आमिर खान द्वारा किये गए अजीबो गरीब एक्सपेरिमेंट भी याद होंगे।
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इसके पीछे की प्रेरणा है ,सोनम वांगचुक को वैकल्पिक शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए रॉलेक्स अवॉर्ड फॉर इंटरप्राइजेज 2016 से पुरस्कृत किया गया।
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वागंचुक को लद्दाख में बर्फ स्तूप कृत्रिम ग्लेशियर परियोजना के लिए लॉस एंजिलिस में पुरस्कृत किया गया. यह कृत्रिम ग्लेशियर 100 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है. इसे अनावश्यक पानी को इकट्टा कर बनाया गया है । हालांकि, इस तकनीक को वांगचुक 25 साल पहले अपने आर्थिक और सामाजिक स्तर पर पिछड़े जम्मू एवं कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र की शिक्षा प्रणाली में सुधार का बीड़ा उठाने वाले 50 वर्षीय वांगचुक स्कूलों की रटी-रटाई व्यवस्था से अलग उन छात्रों के लिए एक ऐसे स्कूल की स्थापना की है, जो पारंपरिक स्कूली शिक्षा में नाकामयाब रहे हैं।
वांगचुक के स्कूल में लीक से हटकर चीजें सिखाई जाती हैं. वांगचुक अब अपनी इस समृद्ध सोच को आगे बढ़ाते हुए एक ऐसे वैकल्पिक विश्वविद्यालय की स्थापना की योजना बना रहे हैं, जो शिक्षा में सुधार के उनके बीड़े को आगे बढ़ाएगा।
वांगचुक ने बताया, 'देश की शिक्षा प्रणाली सड़ चुकी है। स्कूल और कॉलेजों में सिर्फ नंबर पर फोकस किया जाता है और उन्हीं नंबरों के आधार पर छात्र को पास या फेल किया जाता है। ये क्या है? आप इनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। कॉलेज से निकलने के बाद इनके पास रोजगार नहीं होता तो दूसरी तरफ उद्यमों के पास योग्य कर्मचारियों की कमी रहती है.'
लद्दाख में मैदानी इलाकों की तुलना में अलग समस्याएं हैं. इन समस्याओं के बीच वह इस सड़ चुकी शिक्षा व्यवस्था के खिलाफ अभियान को कैसे आगे बढ़एंगे? इस पर वह कहते हैं, "हम एक वैकिल्पक विश्वविद्यालय शुरू करने जा रहे हैं जहां छात्रों को 70 फीसदी रोजगार उन्मुख चीजें सीखाई जाएगी और इन दो साल की अवधि में हर छात्र एक अलग तरह की प्रतिभा के साथ बाहर निकलेगा। "