मोबाइल चार्ज करने का अनोखा तरीका जानिए...

Samachar Jagat | Saturday, 25 Mar 2017 12:34:18 PM
Discover the Unique Way of Charging Mobile

न्यूयॉर्क। यूनिवर्सिटी ऑफ उटा में भारतवंशी प्रोफेसर आशुतोष तिवारी ने किसी भी तरीके से निकल रही ऊष्मा से बैटरी चार्ज करने का अनोखा तरीका खोज निकाला है। उन्होंने कुछ रासायनिक तत्वों को मिलाकर नया पदार्थ तैयार किया है। यह पदार्थ बदलते तापमान के अनुसार बिजली उत्पन्न करने में सक्षम है। इससे मोबाइल व अन्य छोटे उपकरण आसानी से चार्ज हो सकेंगे।

आशुतोष और उनकी शोध टीम ने तीन रासायनिक तत्वों कैल्शियम, कोबाल्ट और टर्बियम  को मिलाकर नया पदार्थ बनाया है। कैल्शियम अच्छा बिजली सुचालक है। कोबाल्ट का इस्तेमाल बैटरी में ऊर्जा संग्रहण में होता है। टर्बियम  भी बिजली उत्पन्न करने में अहम भूमिका निभाता है। इसका परीक्षण भी किया जा चुका है।

ऐसे बनती है बिजली
नया पदार्थ थर्मोइलेक्ट्रिक इफेक्ट या ताप विद्युत प्रभाव पर काम करता है। इसके तहत जब पदार्थ के तापमान में अंतर होता है तो इससे बिजली उत्पन्न होती है। जब पदार्थ का एक छोर गर्म और दूसरा छोर ठंडा होता है, तो आवेश वाहक गर्म छोर से ठंडे छोर की ओर चालित होते हैं। इससे बिजली उत्पन्न होती है। यह बिजली पदार्थ में लगे दो तारों से होकर बैटरी या फिर सीधे मोबाइल तक ले जाई जाती है।

नुकसानदायक नहीं
पहले भी रासायनिक तत्वों से बिजली बनाने को लेकर शोध हो चुके हैं। उनमें कैडमियम, टेल्युराइड और मरकरी या पारा का इस्तेमाल होता है। लेकिन ये तीनों ही तत्व इंसानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। आशुतोष का दावा है कि नया पदार्थ इंसानों और पर्यावरण के लिए पूर्ण रूप से सुरक्षित है। यह बेहद सस्ता और आसानी से उपलब्ध होने वाला पदार्थ है। इसके जरिए कार और बाइक के इंजन से निकलने वाली ऊष्मा से भी बिजली बनाई जा सकती है। 

शरीर में इसे आभूषण की तरह से भी पहना जा सकता है। शरीर की गर्मी से उत्पन्न होने वाली बिजली से शरीर में लगने वाले स्वास्थ्य यंत्रों (हार्ट मॉनीटर या ब्लड ग्लूकोज मॉनीटर) को चलाया जा सकता है। ऊर्जा संयंत्रों में बर्बाद होने वाली 60 फीसदी ऊष्मा को इस्तेमाल में लाया जा सकता है। विकासशील देशों में इस पदार्थ के जरिये बिजली उत्पादन संभव हो सकता है। आशुतोष तिवारी ने साल 2000 में आईआईटी, कानपुर से कंडेंस्ड मैटर फिजिक्स में पीएचडी की। इस समय वह यूनिवर्सिटी ऑफ उटा के मैटीरियल साइंस एंड इंजीनियरिग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं।



 

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