इस मज़ार पर लोग घड़ी चढ़ाकर करते है फरियाद 

Samachar Jagat | Thursday, 01 Dec 2016 04:28:20 PM
zara hat ke

हमारे देश में कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं जहां की प्रचलित परम्पराओं को लेकर हमेशा से एक तरह का विराधाभास रहा है, तो वही दूसरी तरफ ऐसे सैड़कों लोग हैं जो इन परम्पराओं को एक शिद्दत से निभाते हैं। हिन्दू, मुस्लिम एकता और साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल नौगजा पीर का मजार एक ऐसा ही धार्मिक स्थल है, जो अपने आप में एक अलग पहचान रखता है। इस मजार की सबसे बड़ी बात कि यहां हर धर्म को समान अधिकार दिया जाता है।

इस 146 किलो के 11 साल के बच्चे को मिल रहा अजीब उपचार 
गौरतलब हो कि भारत अपनी विविध धर्मों की वजह से  रंग-बिरंगे गुलदस्ता सा प्रतीत होता है। इसलिए यहां स्थित धर्मस्थल पर अलग-अलग परम्पराएं और मान्यता देखने को मिलती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि पंजाब हरियाणा बॉर्डर पर शाहबाद कस्बे से सात किलोमीटर दूर हाईवे नंबर-1 पर एक एेसी मजार है जहां लोग चढ़ावे के रूप में घड़ी चढ़ाते हैं। यह मजार नौगजा के पीर के नाम से काफी मशहूर है।

100 कमरों का एक घर जिसमे रहते है 181 लोग, जानना चाहेंगे आप  

नौगजा पीर के इस मजार की खासियत यह है कि यहां आने वाले श्रद्धालु मजार पर घडि़यां चढ़ाते हैं। इस परम्परा की शरुआत कब और कैसे शुरू हुई इसका तो किसी को पता नहीं लेकिन इसके पीछे रोचक मान्यता है। राजमार्ग पर चलने वाले वाहन चालक बाबा की मजार पर घड़ी चढ़ाकर सुरक्षित यात्रा के साथ ही समय से अपनी मंजिल पर पहुंचने की दुआं मांगते हैं। यहां चढ़ाई जाने वाली घडियों को बहुत ही खूबसूरत अंदाज में मजार पर सजाया जाता है। सबसे बड़ी बात कि इस मजार की सार-संभाल का जिम्मा रेडक्रॉस के पास है। यहां इतनी अधिक मात्रा में घडि़यां चढ़ाई जाती है कि उन्हें बेचना पड़ता है और उससे जो आय होती है वह सेवादारों को वेतन देने और यहां के अन्य कार्यों में खर्च की जाती है।

read more:

कूलपैड के ये स्मार्टफोन भारत में जल्द हो सकते है पेश

500 रुपए का रिचार्ज करनें पर ये कंपनी दे रही है 600 रुपए का टॉकटाइम

जानिए! कुछ सालों में कितना बदला चुका है आपका पसंदीदा आईफोन



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
रिलेटेड न्यूज़
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.