नई दिल्ली। भारत में नौकरशाही तथा भ्रष्टाचार दो मुख्य पहलू हैं जो कारोबार सुगमता को प्रभावित कर रहे हैं। बिजनेस क्लाइमेट सर्वे में यह कहा गया है। इस सर्वें में भारत में कारोबार कर रही नार्वे की कंपनियों को शामिल किया गया है।
सर्वे के अनुसार नार्व की 62 प्रतिशत कंपनियों यह मानती हैं कि भारत में मौजूदा व्यापार माहौल उनके अनुकूल है। वहीं 75 प्रतिशत का मानना है कि आने वाले तीन साल में निवेश माहौल और भी अनुकूल होगा।
देश में नार्वे की 101 कंपनियां पंजीकृत हैं। इसमें से 83 ने सर्वे में भाग लिया।
भारत में नार्वे के राजदूत निलिस रैगनैर काम्सवाग ने कहा कि सर्वे भारत में काम कर रही नार्वे की कंपनियों की निवेश को लेकर धारणा को प्रतिबिंबित करता है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई अचंभा नहीं है कि भारत में निवेश करने वाली नार्वे की कंपनियों के लिए नौकरशाही तथा भ्रष्टाचार दो बड़ी बाधाएं हैं।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सर्वे भारत सरकार की आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा से पहले किया गया।