नई दिल्ली : वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को देखते हुए सरकार ने घरेलू कच्चे तेल पर अतिरिक्त उत्पाद शुल्क में 17,000 रुपये प्रति टन की कटौती की है। सरकार ने तीन सप्ताह पहले घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों पर उनके विडफॉल (अप्रत्याशित) लाभ का हिस्सा लेने के लिए शुल्क लगाया था। सरकार ने पहली जुलाई को घरेलू कच्चे तेल, डीजल, पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर विडफॉल लाभ कर लगाया था। इसमें कच्चे तेल पर 23,250 रुपये प्रति टन (विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क-एसएईडी के माध्यम से) उपकर लगाया गया था। पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर क्रमश: छह रुपये और 13 रुपये प्रति लीटर का उपकर लगाया गया था।
एटीएफ के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर का उपकर लगाया गया था। पेट्रोल पर पहली जुलाई को लगाए गए शुल्क को हटाते हुए सरकार ने डीजल और विमानन ईंधन (एटीएफ) या जेटफ्यूल पर निर्यात शुल्क में भी कटौती की है। शुल्क में कमी आज से प्रभावी हो गई है।घरेलू बाजार में पंप पर उपलब्ध डीजल और पेट्रोल की कीमतों में कर परिवर्तन का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अत्यधिक अनुकूल परिस्थितियों से आय या लाभ में आए अचानक उछाल को विडफॉल लाभ कहा जाता है। वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से वृद्धि होने से घरेलू कच्चे तेल के उत्पादकों ने देश की रिफाइनरियों को अंतरराष्ट्रीय समता कीमतों पर तेल की बिक्री की थी जिससे उन्हें इस प्रक्रिया में विडफॉल लाभ हुआ। इसमें सरकार ने तेजी से कार्रवाई करते हुए विडफॉल लाभों पर कर लगाया था। सरकार ने अपनी अधिसूचना में कहा कि जनहित में शुल्क में कटौती जरूरी है। उसने डीजल और एटीएफ पर शुल्क में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की है जबकि पेट्रोल पर शुल्क खत्म कर दिया है।