भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्बारा शुक्रवार को घोषित मौद्रिक नीति की मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:
* प्रमुख नीतिगत दर रेपो ०.5० प्रतिशत बढ़कर 5.9० प्रतिशत हुई, जो तीन साल का सबसे ऊंचा स्तर है।
* वित्त वर्ष 2०22-23 के लिए आर्थिक वृद्धि का अनुमान घटाकर सात प्रतिशत किया गया। अगस्त में इसके 7.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई गई थी।
* सितंबर तिमाही में जीडीपी के 6.3 फीसदी, दिसंबर और मार्च की तिमाहियों में 4.6 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद।
* मुद्रास्फीति का अनुमान चालू वित्त वर्ष के लिए 6.7 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया
* दिसंबर तक मुद्रास्फीति के आरबीआई के संतोषजनक स्तर छह प्रतिशत से ऊपर रहने का अनुमान।
* भारत की कच्चे तेल की खरीद की औसत कीमत 1०० अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रहने की उम्मीद।
* आरबीआई कीमतों को काबू में रखने को लिए उदार मौद्रिक नीति के रुख को वापस लेने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
* आरबीआई ने कहा कि रुपये की चाल अमेरिकी डॉलर के मुकाबले व्यवस्थित है। इस साल 28 सितंबर तक सिर्फ 7.4 प्रतिशत की गिरावट हुई।
* आरबीआई ने रुपये के लिए कोई निश्चित विनिमय दर तय नहीं की है। अत्यधिक अस्थिरता पर अंकुश लगाने के लिए बाजार में हस्तक्षेप किया जाता है।
* इस साल 23 सितंबर तक विदेशी मुद्रा भंडार 67 प्रतिशत घटकर 537.5 अरब डॉलर रह गया।
* केंद्रीय बैंक को बाह्य क्षेत्र के घाटे को पूरा करने का भरोसा।
* बाह्य कारणों से वस्तुओं का निर्यात प्रभावित हुआ, निजी खपत में तेजी आ रही है।
* कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में हाल में हुई गिरावट अगर टिकाऊ रही, तो मुद्रास्फीति से राहत मिल सकती है।
* बैंक ऋण 16.2 प्रतिशत की तेज गति से बढ़ा है।
* मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक 5-7 दिसंबर में होगी।