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भारत सरकार ने PAN 2.0 अभियान के तहत यह सुनिश्चित किया है कि हर व्यक्ति के पास सिर्फ एक ही PAN कार्ड हो। अगर किसी के पास डुप्लिकेट PAN कार्ड पाया जाता है और उसे सरेंडर नहीं किया गया, तो आयकर विभाग ₹10,000 तक का जुर्माना लगा सकता है।
PAN कार्ड क्यों है जरूरी?
PAN (Permanent Account Number) एक 10 अंकों का अद्वितीय नंबर है जो आयकर विभाग द्वारा जारी किया जाता है। यह वित्तीय लेन-देन और टैक्स रिकॉर्ड को ट्रैक करने के लिए आवश्यक है। PAN कार्ड का उपयोग इन कार्यों में होता है:
- आयकर रिटर्न दाखिल करना।
- बैंक खाता खोलना।
- निवेश और शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना।
- बड़ी खरीदारी या वित्तीय लेन-देन।
एक व्यक्ति के पास कितने PAN कार्ड हो सकते हैं?
भारतीय नियमों के अनुसार, एक व्यक्ति के पास केवल एक PAN कार्ड होना चाहिए। अगर कोई डुप्लिकेट PAN कार्ड रखता है, तो यह नियमों का उल्लंघन है और सख्त कार्रवाई का पात्र है।
डुप्लिकेट PAN कार्ड पाए जाने पर क्या करें?
यदि आपके पास दो PAN कार्ड हैं, तो इसे तुरंत सरेंडर करें। इसके लिए:
- आयकर विभाग की वेबसाइट पर चेक करें कि आपके नाम से कितने PAN कार्ड जुड़े हैं।
- डुप्लिकेट कार्ड की पहचान होने पर, आवेदन पत्र भरें।
- आवेदन के साथ डुप्लिकेट PAN कार्ड की कॉपी और अन्य आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें।
- नजदीकी आयकर कार्यालय में जाकर इसे सरेंडर करें।
जुर्माना और पेनल्टी
अगर डुप्लिकेट PAN कार्ड सरेंडर नहीं किया गया, तो आयकर अधिनियम, 1961 के तहत ₹10,000 तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के लिए सख्त चेतावनी है।
PAN 2.0 अभियान की खासियत
PAN 2.0 के तहत, सरकार आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके डुप्लिकेट PAN कार्ड का पता लगा रही है। यह आयकर विभाग को पारदर्शी और प्रभावी बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है।