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आयकर विभाग नया कानून: यदि कर अधिकारी को शक होता है कि आपने कर चुकाने से बचने के लिए संपत्ति, नकद, सोना, गहने या अन्य मूल्यवान चीजें छुपाई हैं, तो आपके डिजिटल डेटा की जांच की जा सकती है।
अगर आप हर साल आयकर भरते हैं, तो यह खबर आपके लिए है। अब आयकर विभाग को यह कानूनी अधिकार मिलेगा कि वह आपके सोशल मीडिया, ई-मेल, बैंक खाता, ऑनलाइन निवेश और ट्रेडिंग अकाउंट्स की जांच कर सकेगा। यदि कर अधिकारी को शक होता है कि आपने टैक्स से बचने के लिए कोई संपत्ति छुपाई है या आपने अपनी आय पूरी तरह से घोषित नहीं की है, तो आपके डिजिटल रिकॉर्ड की जांच की जा सकती है। इस बारे में जानकारी एक रिपोर्ट के माध्यम से सामने आई है।
नए कानून के तहत क्या बदलने वाला है?
यह अधिकार आयकर विभाग को प्रस्तावित आयकर विधेयक के तहत मिलेगा। यह बदलाव डिजिटल युग को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार के वित्तीय धोखाधड़ी, अधूरी संपत्तियों और टैक्स बचाने के प्रयासों को रोका जा सके। विभाग को यह जानकारी मिली है कि कई लोगों के खर्च और उनके खातों से निकाली गई राशि में कोई मेल नहीं है। यानी उनके खातों से बहुत कम राशि निकलती है जबकि उनका जीवन स्तर और खर्च बहुत अधिक होता है।
कब जांचे जाएंगे डिजिटल डेटा?
आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 132 के तहत, अगर अधिकारियों को ठोस जानकारी मिलती है कि कोई व्यक्ति अपनी संपत्ति, संपत्ति या वित्तीय रिकॉर्ड छुपा रहा है, तो वे जांच कर सकते हैं। पहले अधिकारियों के पास केवल घरों, तिजोरियों और लॉकरों की तलाशी लेने का अधिकार था। लेकिन 1 अप्रैल, 2026 से यह अधिकार डिजिटल दुनिया तक भी बढ़ जाएगा। अब अधिकारियों को यह अधिकार होगा कि अगर उन्हें संदेह है कि टैक्स से बचने की जानकारी डिजिटल रूप से छुपाई जा रही है, तो वे कंप्यूटर सिस्टम और ऑनलाइन अकाउंट्स की जांच कर सकेंगे।
इसका आप पर क्या असर होगा?
अगर आयकर अधिकारी को संदेह है कि आपने अपनी आय या संपत्ति के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी है, तो वे आपका ई-मेल, बैंक खाता, ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया गतिविधियों की जांच कर सकते हैं। जब वित्तीय लेन-देन डिजिटल हो रहे हैं, तो टैक्स जांच भी आधुनिक हो रही है। नए कानून के तहत डिजिटल फॉरेंसिक्स टैक्स जांच का अहम हिस्सा बन जाएगा। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बदलाव टैक्स चोरी को कितनी प्रभावी तरीके से रोक पाता है और क्या इससे लोगों की गोपनीयता को लेकर कोई चिंताएं पैदा होंगी।
आपको क्या करना चाहिए?
इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप समय पर और सही तरीके से अपनी आयकर रिटर्न दाखिल करें। अपनी आय और निवेश की पूरी जानकारी दें, ताकि भविष्य में कोई परेशानी न हो। यदि आपके पास बड़े निवेश या संपत्तियां हैं, तो किसी टैक्स एक्सपर्ट से सलाह लेना अच्छा रहेगा। यह आपको कानूनी उलझनों से बचाएगा और वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।