कोटा। राजस्थान के कोटा संभाग में लहसुन की अच्छी उपज होने के बावजूद बाजार में किसानों को इसके पर्याप्त भाव नहीं मिलने के कारण वे अपनी फ़सल सड़कों पर फ़ैंकने को मजबूर हैं।
तेज गर्मी में दिन भर खड़े रहने के बाद भी जब शाम तक किसी भी व्यापारी ने तीन-चार रुपए किलो में भी लहसुन खरीदने को तैयार नहीं हुआ तो एक किसान ने निराश और हताश होकर गांव के बाहर ही लहसुन से भरी ट्रैक्टर ट्रोली सड़क पर उड़ेल दी। मसाले से जुड़ी फसल होने के कारण न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लहसुन की खरीद का कोई प्रावधान नहीं है और राज्य सरकार के अभी तक बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत लहसुन के खरीद के प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं भेजे जाने के कारण और उचित और निर्धारित मूल्य पर किसानों से लहसुन की खरीद का काम शुरू नहीं हो पाया है।
जिसके चलते बिचौलिया व्यापारियों को फायदा मिल रहा है। बिचौलिए व्यापारी किसानों से तो लहसुन घटी हुई दरों पर खरीद रहे हैं, लेकिन इसका सीधा लाभ आम उपभोक्ता को नहीं मिल पा रहा है। सारा घाटा किसान ही झेल रहे हैं जो विभिन्न मंचों के जरिए उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलवाने की मांग को लेकर आंदोलन की राह पर हैं।
लहसुन की खेती की ष्टि से कोटा संभाग समूचे राजस्थान में ही नहीं बल्कि देश में अग्रणी स्थान रखता है और रबी के कृषि सत्र में संभाग के चारों जिलों में बड़े रकबे में इसकी पैदावार होती है जो कि इस साल भी हुई है लेकिन आम लहसुन उत्पादक किसान की त्रासदी यह हैं कि किसी साल खरीददारों से अच्छा भाव मिलने के कारण जब इसी मोटे मुनाफे की उम्मीद में अन्य किसान भी अगले साल और अधिक लहसुन की बुवाई कर देते हैं लेकिन बंपर पैदावार के कारण भाव धराशाई हो जाते हैं।