देश के सबसे बड़े ऋणदाता, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बुधवार को घोषणा की कि वह बेंचमार्क प्राइम लेंडिंग रेट (BPLR) को 70 आधार अंकों से बढ़ाकर 13.45 प्रतिशत से प्रभावी करेगा। हालांकि बैंक ने फंड-आधारित उधार दर (MCLR) की सीमांत लागत में कोई बदलाव नहीं किया। जिससे सभी उधारकर्ताओं के लिए लागत कम हो जाएगी।
SBI ने इससे पहले अगस्त (या 0.5 प्रतिशत) में अपनी बेंचमार्क उधार दरों को 50 आधार अंकों तक बढ़ा दिया था। एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) और रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) में 50 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की गई है। जबकि मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) को पूरे कार्यकाल में 20 बेसिस पॉइंट्स बढ़ा दिए गए है।
SBI का EBLR बढ़कर 8.05 प्रतिशत हो गया। जबकि उसका RLLR 50 आधार अंक बढ़कर 7.65 प्रतिशत हो गया। बंधक और ऑटो ऋण सहित किसी भी प्रकार का ऋण करते समय बैंक EBLR और RLLR के अतिरिक्त क्रेडिट जोखिम प्रीमियम (CRP) लेते हैं। संशोधन के साथ एक साल की MCLR 7.50 फीसदी से बढ़कर 7.70 फीसदी हो गई। जबकि दो साल की MCLR बढ़कर 7.90 फीसदी और तीन साल की MCLR बढ़कर 8 फीसदी हो गई। अधिकांश ऋण एक साल की MCLR दर से जुड़े होते हैं।