स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI ) के होम लोन EMI में वृद्धि के लिए तैयार हैं क्योंकि बैंक ने अपनी बेंचमार्क उधार दरों में 50 पॉइंट (या 0.5%) तक की बढ़ोतरी की है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए अपनी बेंचमार्क उधार दर में 50 पॉइंट की वृद्धि के बाद एसबीआई का यह कदम आया है। फंड की सीमांत लागत-आधारित उधार दर (MCLR) में सभी अवधियों में 20 आधार अंकों की वृद्धि हुई है। जबकि बाहरी बेंचमार्क आधारित उधार दर (EBLR) और रेपो-लिंक्ड उधार दर (RLLR) दोनों में 50 पॉइंट की वृद्धि हुई है।
एसबीआई की वेबसाइट के मुताबिक नई दरें 15 अगस्त से लागू हैं। एसबीआई का RLLR 50 पॉइंट बढ़कर 7.65 फीसदी और EBLR बढ़कर 8.05 फीसदी हो गया। वकील लोन सहित किसी भी प्रकार का लोन देते समय बैंक EBLR और RLLR पर क्रेडिट जोखिम प्रीमियम (CRP) जोड़ते हैं।
संशोधन के साथ एक वर्षीय MCLR दो और तीन वर्षों के लिए क्रमशः 7.50 से 7.70 प्रतिशत, 7.90 से 7.90 प्रतिशत और 8% से 8% तक चढ़ गया है। अधिकांश ऋण एक वर्ष के लिए MCLR दर पर आधारित होते हैं। ब्याज दरों में वृद्धि के कारण MCLR, EBLR, या RLLR के साथ लोन रखने वाले उधारकर्ताओं के मासिक भुगतान में वृद्धि देखी जाएगी।एसबीआई सहित सभी बैंक, आरबीआई रेपो दर या ट्रेजरी बिल यील्ड जैसे बाहरी बेंचमार्क से जुड़ी ब्याज दरों पर 1 अक्टूबर2019 से शुरू हो गए हैं। परिणामस्वरूप, बैंकों द्वारा मौद्रिक नीति का प्रसारण अधिक लोकप्रिय हो गया है।