कई तरह के सनसनी खेद अपराध हो जाते है पर पुलिस की पहलवानी काम नहीं आती। खाखी पहलवान पुलिस हाथ पाव मारती रह जाती है इन कांडो का ।इसका खुलासा नहीं हो पाता है। हार कर जनता को न्याय की घंटी बजने पढ़ाती है। यह मामला इसी तरह की उलझन का भरा है। सारे प्रयासों के बाद जब पुलिस की हवा निकलउनका जोश ठंडा पड़ है गया तब जनता ने मोर्चा संभाला। कुछेक दलालों का धंधा चौपट हो गया।
कहने को पुलिस वालोंको भी हाथ धोने का मौका मिल गया। दो में से एक बदमाश पकड़ा गया। मगर पुलिस कस्टडी से दूसरा कई से भागा इसका जाबाव कौन देगा। गजब का नाटक चला। आधी अधूरी सफलता पर पु लिस वालों को अपनी मूछ पर हाथ फेरने का मोका मिल गया। यह दिलचस्प मामला थाना मोहना सिद्धार्थ नगर का है। घटना यह थी की पंद्रह साल की एक किशोरी रात के समय अपने मां बाप के साथ अपने घर में सो रही थी। मोका पाकर दो बदमाश उनके घर की दीवार फांद कर भीतर घुस कर।किशोरी को काबू करने के लिए उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया। पीड़िता ने काफी कोसिस की।
मगर एक नकाबपोस ने उसकी गर्दन पर चाकू लगा दिया । फिर दोनो दानवों ने अपना मुंह काला किया । दिखाई कोशिश करती रही । मगर जब उसका बस नहीं चला तो दम घुटने पर अचेत हो गई । अफसोस इस बात का था की उसी कमरे में निकट की चार पाई पर उसकी मां सो रही थी। मगर उसकी मदद नहीं करपाई। किशोरी के शरीर को निचोड़ कर भाग लिए। खून से लथपथ होने के बाद मासूम बच्ची की हालत बहुत खराब हो गई। सुबह के समय मां जब घर की गाय दुहने के लिए उठी तो बच्ची के सिसकने की आवाज सुनी तो बेटी की ओर उसका ध्यान गया।
मां बेटी के रोने की आवाज सुन कर गांव वाले इकठे हो गए । जनता की रक्षा करने का ढोंग करने वाली 112 नंबर की पुलिस भी पहुंच गई। बच्ची को हॉस्पिटल भेज कर थाने के रेस्ट रूम में जा कर सो गई। दूसरी ओर डाक्टर ने बिना पुलिस के इलाज करने से मना कर दिया। हारी नारी को मजबून घर बेरंग ही आना पड़ा। कमाल की बात यह रही की बदमाशों ने पुलिस को ही मैनेज कर लिया। पावर फूल बदमासो के दबाव में एक और शर्मनाक बात यह हुई की दूसरे दिन थानेदार ने लेडी कांस्टेबल भेजकर पीड़ता को थाने बुलाया। दुखियारी खून में शनि न्याय के इस मंदिर में अपना सिर पीटती रही। मगर उसे उपचार के लिए हॉस्पिटल नही भिजवाया और वह पुलिस्यानी भी इनका शोषण करती रही। बात मीडिया तक गई।
मगर अपने आप को राष्ट्रवादी कहने वाले ये अपने आकाओं के घर में छिपे रहे। चमचे सरकारी नेताओ के प्रभाव में आकर एक बदमाश जो मुख्य आरोपी था उसे फरार कर दिया । साथी बदमाश को पुलिस ने वाहवाही के लिए मीडिया के सामने पेस केआर अपनी फोटो अखबारों में छपवा दी। इस बीच बाद मासो ने दुखी परिवार को तंग करना शुरू कर दिया। समझो ते का दबाव डालने की कोशिश की। ताकी जांच में बताया जा सके। बहुजन मुक्ति पार्टी की महासचिव आर के आरतियां पीड़िता की ओर से पुलिस और गुंडों से संघर्ष कर रहे है। पीड़िता को न्याय न मिलने पर बंद की तैयारी शुरू कर दी है।