जयपुर। बजरंगगढ़ के हनुमान जी के मंदिर में कोई पुजारी नहीं है। बल्की एक बंदर हनुमानजी की पूजा करता है। यह बंदर सच्चे हनुमान जी की पूजा करता है और शाम को सच्चे भक्त की तरह बालाजी का तिलक लगाया है। यहां दर्शन के लिए आने वाले। भक्तो को आशीर्वाद भी देता है।
यह बंदर आरती के समय मंदिर में लगी घंटी भी बजाता है। इस अनोखे मंदिर का नाम रामू है। भजन करता है। नृत्य करता है साथ ही जब भी हनुमान चालीसा का पाठ होता है तो वहां मौजूद रह कर पूरी श्रद्धा के साथ सुनता है। बजरंग गढ़ के इस हनुमानजी के मंदिर के चौकीदार ओमकार सिंह से काफी करीबी रिश्ता है। ओमकार सिंह का कहना है की रामू मदारी को छोड़ कर करीब छह साल पहले आया था।
जब वह मंदिर में घूम रहा था तब वह बीमार था। उस दौरान ओमकार ने ही उसकी देख भाल की। तब से ही दोनो करीबी दोस्त हैं। मंदिर में आने वाले भक्तो का मानना है की रामू इस मंदिर के लिए बहुत शुभ है। उसके आने के बाद भक्तों का भी काफी फायदा है, लोगों का यह भी कहना है की रामू बालाजी के रूप में इस मंदिर की रक्षा करते है। यह हनुमान जी का मंदिर अजमेर में है। इस प्राचीन मंदिर का यह नजारा बहुत ही दुर्लभ है। रामू को देख कर लोग दंग रह जाते है। इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा का मुख खुला है। मान्यता है की भक्तोंद्वारा दिया प्रसाद बजरंग बली के मुख तक पहुंचता है।