निवेश प्रौत्साहन योजनाओं की निगरानी के लिए बनायें टास्क फोर्स : Aartiya

Samachar Jagat | Thursday, 09 Feb 2023 12:58:16 PM
Create a task force to monitor investment promotion schemes: Aartiya

जयपुर,समाचार जगत न्यूज। अखिल राज्य ट्रेड एंड इंडस्ट्रीज एसोसियेशन आरतिया ने बजट पूर्व राजस्थान सरकार को सुझाया है कि जितनी भी निवेश प्रौत्साहन व जन-कल्याणकारी योजनाएं हैं, उनके सफल क्रियान्वयन को सुनिष्चित करने के लिए निगरानी जरूरी है और यह निगरानी का जिम्मा एक टास्क फोर्स को सौंपा जाये, जिसमें गैर प्रशासनिक व गैर राजनीतिक विशेषज्ञ हों।

यह टास्क फोर्स प्रदेश, जिला, स्थानीय निकाय व पंचायत समिति स्तर पर सभी योजनाओं में आई जन-अपेक्षाओं और शासन की ओर से की जा रही डिलीवरी के बीच गैप को कवर करने का काम करे। आरतिया के मुख्य सलाहकार कमल कंदोई, मुख्य संरक्षक आशीष सर्राफ व अध्यक्ष विष्णु भूत ने कहा है कि निवेष प्रौत्साहन योजनाओं का यथा कार्यान्वयन प्रदेश की सबसे बड़ी आवश्यकता है, तभी निवेश बढ़ेगा, रोजगार सृजन और सरकार का राजस्व भी।

यदि इसमें विलंब होता है तो यह राज्य सरकार और निवेशकों के लिए ही नहीं बल्कि प्रदेश के समग्र विकास के लिए भी नुकसानदायक है। यह नुकसान न हो, यह सुनिष्चित करने की जवाबदेही इस टास्क फोर्स की रहे। कार्यकारी अध्यक्ष राजकुमार अग्रवाल व वरिष्ठ उपाध्यक्ष नरेश चैपड़ा ने सुझाया कि इस टास्क फोर्स में प्रशासनिक अधिकारियों या राजनेताओं को शामिल न कर के संबंधित क्षेत्र विशेष के स्टेक-होल्डर्स को मौका दिया जाये।

जैसे राजस्थान सरकार ने ग्रामीण पर्यटन निवेश प्रौत्साहन योजना प्रस्तुत की है, यह अकेली योजना राज्य के इकोनॉमिक परिदृष्य को बड़ा बूस्ट दे सकती है, लेकिन यह तभी संभव होगा जबकि इसमें अवरोध रहित कार्य हों। आरतिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय पाराषर व यूथ विग अध्यक्ष सुनील अग्रवाल का कहना है कि सरकार ने औद्योगिक, कृषि, पर्यटन, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के क्षेत्र में अनेक निवेश प्रौत्सान योजनाओं का संचालन किया हुआ है, लेकिन इनका अपेक्षित लाभ समग्र रूप से नहीं मिल पा रहा।

इसी तरह प्रदेश सरकार एक सौ से अधिक जन-कल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही है, लेकिन उनके कार्यान्वयन में भी असंतुलन की स्थिति है। इस स्थिति का निराकरण करने के लिए सतत निगरानी, समीक्षा और अवरोध-रहित कार्यान्वयन जरूरी है। कार्यकारी अध्यक्ष प्रेम बियाणी और वरिष्ठ उपाध्यक्ष कैलाश शर्मा के अनुसार उक्त वर्णित पांचों क्षेत्रों में प्रदेश के 235 से अधिक स्थानीय निकाय क्षेत्रों और 352 से अधिक पंचायत समिति क्षेत्रों में एक वर्ष के भीतर दस लाख करोड़ रूपये से अधिक का निवेष आ सकता है और दस लाख से अधिक लोगों को सीधे रोजगार भी मिल सकता है। यूं मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव अपने स्तर पर मानीटरिग करते हैं, लेकिन वहां केवल अधिकारियों का फीड-बैक ही मिल पाता है, ग्रास-रूट हकीकत वस्तुत: उन तक पहुंच नहीं पाती। 



 

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