जयपुर। कहा जाता है ना, बुढापे में वृद्ध शरीर का पूरा ख्याल रखना होता है। इसके पीछे कारण यही बताया जाता है कि इस अवस्था में फैर ठीेक होता नहीं है। जिंदगी नरक से भी बदतर हो जाती है। ऐसा ही एक दर्दनाक वाकिया शहर की मुरलीपुरा कॉलोनी का है, जहां नब्बे वर्षीय वृद्धा धनवंतरी देवी गत दो माह पूर्व अपने घर में चार पाई से नीचे गिर गई थी। इस पर उसकी कूल्हें की हडडी में कम्पाउण्ड फेHर हो गया है। वृद्ध माता जी केे परिजन उसे लेकर शहर के हडिडयोंे के रोग के उपचार के लिए निजी अस्पताल के लिए लाया गया था, जहां वृद्धा की क्षतिग्रस्त हडडी को जोड़ने के लिए प्लेट लगाई ।
मगर दुर्भाग्यवश उसके घाव का एक टांका पक गया। कुछ ही समय बाद हालत और अधिक विकट हो गई। सारे शरीर में जहर फैल जाने पर उसे बाद में पार्क हॉस्पिटल मेंे दिखाया । मगर वहां के चिकित्सकोें ने कहा कि केस बहुत बिगड़ गया है। पेसेंट के शरीर पर बैड सोल भी हो गए हैं। मगर रोगी की अवस्था अधिक होने पर उसका ऑपरेशन नहीं हो पा रहा है।
यहां वृद्धा धनवंतरी देवी की हिम्मत दाद देने लायक है। हालत इस कदर खराब होने के बाद भी वह आराम से बातचीत करती है। पेसेंट मिष्ठान की प्रेमी है। आए दिन कोई ना कोई बात को लेकर जिद करके अस्पताल के जनरल वार्ड को उठा देती है। चिकित्सक बताते हैं कि धनवंतरी देवी की हालत बेहद खराब खराब होने पर उसका फिर से ऑपरेशन करना बहुत मुश्किल हो गया है। पेसेंेट के परिजनोें को जब तक सांस है...। सेवा करने के सिद्धांत पर काम किया जा रहा है।