Government के खिलाफ वन-कर्मियों ने खोला मोर्चा, 15 सूत्रीय मांगों को लेकर दे रहे धरना

Samachar Jagat | Thursday, 09 Feb 2023 12:14:20 PM
Forest workers open front against the government, protesting for 15 point demands

जयपुर, समाचार जगत न्यूज। प्रदेश में वन विभाग के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। 15 सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे कर्मचारियों ने आज प्रदेश के राष्ट्रीय उद्यानों और सफारी को आम आदमी के लिए आज बंद कर दिया।

ऐसे में झालाना लेपर्ड सफारी, सरिस्का, रणथंभोर, अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क, माचिया बायोलॉजिकल पार्क, आकलवुड फॉसिल पार्क, सज्जनगढ़ बायोलॉजिकल पार्क सनसेट पॉइंट ट्रेवर्स ट्रेक और ताल छापर अभ्यारण देखने आने वाले पर्यटकों और वन्यजीव प्रेमियों में भारी निराश है। संयुक्त संघर्ष समिति वन विभाग राजस्थान अध्यक्ष भूपेंद्र सिह जादौन ने कहा कि वन विभाग के कर्मचारी पिछले लंबे वक्त से शांतिप्रिय तरीके से संघर्ष कर रहे हैं।

लेकिन सरकार हमारी वाजिब मांगों को नहीं मान रही है। ऐसे में जब तक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर देती प्रदेशभर के वन विभाग के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे रहेंगे। जयपुर में झालाना लेपर्ड रिजर्व और सरिस्का टाइगर रिजर्व एंट्री गेट पर धरना दे रहे कर्मचारियों ने ताला जड़ दिया। जिसके कारण ट्रेकिग, मॉनिटरिग, रेस्क्यू, सर्विलांस सहित तमाम व्यवस्थाएं चौपट हो गई हैं। वहीं सफारी के आने वाले पर्यटक भी निराश नजर आए। आज शाम को रणथम्भौर में भी शाम की सफारी से धरने पर बैठे कर्मचारी गेट बंद कर सकते हैं, जिससे पर्यटकों को भी बिना सफारी के ही बैरंग लौटना पड़ेगा।

इन मांगों को लेकर दे रहे धरना

वन विभाग के कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में वनकर्मियों को समकक्षों पदों (पुलिस, पटवारी, ग्रामसेवक आदि) के समान वेतन दिलाने, वन विभाग में आठवीं व दसवीं पास कार्य प्रभारी वनकर्मियों को पूर्व की भांति आयु सीमा व योग्यता में राज्य सरकार के वित्त विभाग के पत्र 24 मार्च 2011 के बिन्दु संख्या 8 के अनुसार शिथिलता देते हुए पूर्व की भांति वनरक्षक के पद पर समायोजन किया जाए। जंगलों में राजकार्य करने वाले वनकर्मियों को मैस भत्ता राशि 2200 रुपए. दिलवाया जाए।

विभाग में कार्यरत कार्य प्रभारी कर्मियों को सेवानियम के दायरे में लेते हुए अन्य विभागों की तरह पदोन्नति एवं नवीन पद, पदनाम, सहायक वनरक्षक के पद पर पदनाम दिया जाए। अवैध शिकार, अतिक्रमण, खनन, कटान, छंगान व हिसक वन्यजीवों के रेस्क्यू करने वाले वनकर्मियों को विशेष भत्ता / हार्ड ड्यूटी (मूल वेतन के साथ डीए) का 10 प्रतिशत दिलवाया जाए। वन विभाग में कार्यरत प्रभारियों की ग्रेड-पे ए.सी.पी. 9-18-27 पर अन्य विभागों की तरह 27 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर 2800/3600 की जाए।

वन विभाग में कार्यरत कार्य प्रभारी संवर्ग के कर्मियों को सेवा नियम के दायरे में लेते हुए पदोन्नति के प्रावधान स्वीकृत किए जाए। समकक्ष विभाग के कार्मिकों की भांति नगद वर्दी भत्ता राशि 7000/- रूपये वार्षिक दिलवाया जाए। राजस्थान वन विभाग श्रमिक संघ के साथ हुए पूर्व के समझौतों को लागू करते हुए प्र.मु.द.सं. के आदेश क्रमांक 2078-2200 दिनांक 29.06 2022 की पालना कराई जाए।

उच्च न्यायालय जयपुर में संघ की ओर से दायर रिट डीबी 257/21 दिनांक 06.01.2023 के निर्णय की पालना करते हुए न्यायालय जोधपुर के निर्णय दि. 29.04.2022 एवं एसबी सिविल रिट पिटिशन नं. 4956/2015 के निर्णय दिनांक 15.11.2022 की पालना कराई जाए। वनकर्मियों को 50 रुपए साईकिल भत्ते के स्थान पर 2000 रुपए प्रतिमाह पेट्रोल भत्ता दिलवाया जाए।

अवैध शिकार, खनन, अतिक्रमण, कटान आदि गैर वानिकी कार्यों की रोकथाम और स्वयं की सुरक्षा के लिए हथियार दिलवाए जाएं। वन विभाग में कार्यरत वाहन चालक को भी योग्यतानुसार पदोन्नति के अवसर प्रदान किए जाए। वन विभाग के वाहन चालकों को उनके समकक्ष पदो के वनकर्मियों समान वर्दी लागू की जाए, समान वर्दी और भत्ते दिए जाएं। विभागीय अधिकारी/कर्मचारियों को अभ्यारण्य/नेशनल पार्कों में नि:शुल्क प्रवेश की व्यवस्था की जाए। विभागीय कर्मचारियों को विश्रामगृहों में रुकने की व्यवस्था (मध्यप्रदेश की तर्ज पर एसी रूम 200 और नॉन एसी कम 100 रुपए प्रति दिवस) दिलाया जाए। वन विभाग में कार्यरत वनकर्मियों/वनश्रमिकों की कितने घंटे की ड्यूटी है। जिसे वन प्रशासन स्पष्ट रूप से लिखित में कर्मचारियों को बताया जाए।
 



 

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