जयपुर | राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 'पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान करने’ को लेकर अप्रत्यक्ष रूप से पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि कार्यकर्ताओं का सम्मान होना चाहिए, यह एक जुमला बन गया है।
उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा कि कुछ नेता यह कहकर कार्यकर्ताओं को भड़काते हैं कि उनका सम्मान होना चाहिए।जयपुर के शहीद स्मारक पर सोमवार को आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में गहलोत ने कहा, “हमारे ही कुछ नेता कार्यकर्ताओं को भड़काते हैं। कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान होना चाहिए, आजकल यह जुमला हो गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान आपने किया है क्या कभी? जानते भी हो कि क्या होता है कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान? हम तो मान-सम्मान पाते-पाते ही कार्यकताã से नेता बने हैं।”हालांकि, गहलोत ने किसी नेता विशेष का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके इस बयान को पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है।उल्लेखनीय है कि पायलट बार-बार यह मांग उठाते हैं कि 2018 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने वाले कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान होना चाहिए।
एक मौके पर उन्होंने कहा था, “मुझे पूरा विश्वास है कि अगर हम कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान देंगे और अतिरिक्त मेहनत के साथ जनता के बीच जाएंगे तो जब राज्य में (2023 के आगामी विधानसभा) चुनाव होंगे, उसमें कांग्रेस को जीत मिल सकती है।”
गहलोत ने अपने संबोधन में कहा कि वह एक ऐसे कार्यकताã थे, जिसने भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) में रहते हुए पूरे राजस्थान का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि वह झालावाड़, बांसवाड़ा, डूंगरपुर में जब मोटरसाइकिल से भ्रमण पर निकले थे तो उस समय वहां घने जंगल थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके लिए पार्टी कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान सर्वोपरि है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया कि कांग्रेस के अच्छे दिन आएंगे, भले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे वाले अच्छे दिन आएं या न आएं।बहरहाल, शाम को मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिये लंपी वायरस संक्रमण पर जनप्रतिनिधियों की सर्वदलीय बैठक के दौरान गहलोत ने विचार व्यक्त करने के लिए पायलट का नाम पुकारा। हालांकि, पायलट बैठक में मौजूद नहीं थे।