जयपुर। भादवा माह के आरंभ होने पर काशी नगरी जयपुर में जैन धर्म का भक्ति रस धूम मचा रहा है। गुरूवार को शहर भर के जिनालयों मं जैन प्रवचन का आयोजन हुआ। कई लाख लोग इसरस का आनंद ले रहे हैं। इस बारे में भाद्र का अर्थ है-कल्याण देने वाला है। भद्र परिणाम देने वाले व्रतों वाले इस माह में लोगों को व्रत,उपवास, नियम, निष्ठा का पालन किया जाता है। अपनी गलतियों को याद करके उनका प्रायश्चित करने के लिए यह सर्वोत्तम माहिना माना गया है। इसमें मन को शुद्ध करने और पवित्र भाव भरने में यह महिना बहुत ही कारगर माना गया है। इसी माह में गण्श चतुर्थी का बड़ा पर्व मनाया जाता है। श्री कृष्ण जन्मोत्सव और कलंक चतुर्थी भी इसी माह में आती है।
इस माह में कच्ची चीजें खाने से परहेज करने व दही का प्रयोग पूर्ण रूप से वर्जित है। इस माह शुद्धि के लिए शीतल जल से दोनों वेला का · करने का प्रावधान है।जैन धर्म में तो इस माह में व उपवास अधिक होने पर इसे जैन धर्म में पर्वराज भी कहा जाता है। इसमें ही सोलह कारण व्रत आते है । इन दिनों में जैन धर्मावलंबी एकासन 32 दिवस के उपवास रखते हैं। इसके अतिरिक्त भाद्रपद शुक्ला पंचमी से चर्तुदशी याने माह के अंतिम दस दिनों में दशलक्षण महापर्व मनाया जाता है। इसमें उत्तम क्षमा, मार्दव,आजर्व,सत्य,शौच, समय, तप, त्याग,अकिंचन व ब्रम्हचर्य का पालन किया जा रहा है। मूल रूप से ये दशलक्षणधर्म के 10 लक्षण है जिनका जीवन में अमल करने पर सच्चे धर्म की प्राप्ति होती है। सामान्य श्रावक जो इन दिनों उपवास नहीं रख सकते हैं, वे जमीकंद का त्याग करते हैं। यह माह आत्म शुद्धि व धर्मधारण कर सोलहराज भावनाओं का चिंतन कर आत्मा से परमात्मा बनने का सुअवसर माना गया है।
दिगम्बर जैन पूजन संस्थान के अनुसार इस महीने आने वाले दस लक्षण वर्त पर सभी जैन मंदिरों में विशष पूजन विधान आदि धार्मिक कार्यक्रम विश्ष उल्हास आयोजित किए जा रहे हैं। मंदिरों में सुंदर व आकर्षक सजावट की गई है। सूत्र यह भी बताते हैं कि इस बार दसलक्षण पर्व के तहत उपाध्याय अभिनंद सागर के सानिध्य मं दिगम्बर जैन अग्रवाल पंचायती मंदिर बलजी राठौड़ की गली में अहिच्चक्र विधान का आयोजन किया जाएगा। जो प्रतिष्ठाचार्य इंदौर के नितिन भ्या के सानिध्य में होगा। स्कीम नम्बर दस स्थित पाश्वनाथ चौबीसी जैन मंदिर में दस लक्षण महामंडल विधान भोपाल के बाल बम्हचारी अविनाश के सानिध्य में होगा। महावीर जिनालय काला कुंआ अलवर में भी सांगानेर से आए विद्बानों के सानिध्य में दस लक्षण महामंडल विधान का आयोजन किया जाएगा।
जानकारी में रहे कि इस महिने में गण्श चतुर्थी और गण्श महोत्सव का पर्व आता है। इसके अलावा श्री कृष्ण, बलराम, राधा का जन्मोत्सव आता है। इस माह में महिलाओं के सौभाग्य का पर्व हरियाली तीज भी आती है। जिन लोगों को संतान का सुख नहीं है, उन लोगों को इस माह या तो श्री कृष्ण का जन्म करवाना चाहिए, या कृष्ण जी के जन्मोत्सव में शामिल होना चाहिए। इस माह आत्म विश्वास बढाने के लिए श्रीमदभागवतगीता का पाठ शुभ परिणाम देता है। इस माह में गोपाल और शंख की स्थापना से घर में धन और सम्पन्नता आती है। माह में गणपति भगवान के आशीर्वाद के लिए गण्श की उपासना की जाती है। पीले रंग के परिधानों का धारण किया जाता है। पूरे माह सात्विक रहा जाता है ताकि हर प्रकार की बाधा का नाश होता है।