जयपुर। स्वदेशी के उपयोग और आत्मनिर्भर बनने से ही भारत अर्थ की दुनिया में मजबूत होगा। ये बात स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक आर सुंदरम ने स्वदेशी जागरण मंच के जयपुर प्रांत की वर्चुअल बैठक को मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए कही।
आर सुंदरम ने कहा कि 13 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्होंने स्वदेशी के डिजिट हस्ताक्षर अभियान में भाग लिया, जिस पर 50 हजार स्वदेशी के सदस्य बनने के लिए सहमत हुए है, जो एक बड़ी उपलब्धि है।

स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह संगठक सतीश कुमार ने कहा है कि राजस्थान वीरों की भूमि है, अब इसे स्वदेशी का तीर्थ बनाएंगे। राष्ट्र ऋषि ठेगड़ी जी एक महान दार्शनिक, कुशल संगठक और नेतृत्वकर्ता के रूप में उन्होंने जितने भी संगठनों का निर्माण किया, वे आज देश में ही नहीं बल्कि दुनिया में एक स्थान रखते हैं। उन्होंने ठेगडी जी के सिद्धांतों को अपनाने पर जोर देते हुए कहा कि कि वे कहा करते थे कि स्वदेशी खरीदो और स्थानीय खरीदो, रोजगार को बढ़ावा देने के लिए स्वरोजगार की आवश्यकता प्रतिपादित करते थे।

कृषि अर्थव्यवस्था का आधार बने, उनके चिंतन का प्रमुख दर्शन था। वे मानते थे, जब तक देश आत्मनिर्भर नहीं बनेगा,देश का चहुमुखी विकास नहीं होगा। साथ ही, पर्यावरण अच्छा बने, संस्कारित परिवारों का निर्माण हो और आयुर्वेद को लेकर जीवन भर सकिय रहे। इसी तरह स्वदेशी जागरण मंच के प्रांतीय प्रचार प्रमुख डॉ धर्मवीर चंदेल ने बताया कि इस मौके पर अखिल भारतीय सह विचार विभाग प्रमुख डॉ राजकुमार चतुर्वेदी ने कहा कि हम सभी स्वदेशी के कार्यकर्ता मन, वचन, कर्म से भारत को विश्व गुरु बनाने हेतु कार्यरत हैं।
परम पूजनीय श्री गुरुजी कहा करते थे, जिस प्रकार हमारे शरीर को सांस लेना आवश्यक है, वैसे ही हम कार्यकर्ताओं के लिए हमारा कार्य आवश्यक है। इस मौके जयपुर प्रांत के सभी जिला संयोजकों ने वर्ष भर में हुए कार्यक्रमों का ब्यौरा प्रस्तुत किया। स्वदेशी के प्रांत विचार प्रमुख सुरेंद्र राठी ने प्रांत में हुए कार्यक्रमों का संक्षिप्त प्रतिवेदन रखा। स्वदेशी जागरण मंच के जयपुर प्रांत संयोजक डॉक्टर शंकर लाल शर्मा, प्रांत संगठक मनोहर शरण, प्रांत सह संयोजक एडवोकेट सुरेश सैनी, राष्ट्रीय परिषद सदस्य सुरेश खंडेलवाल सहित प्रदेशभर के कार्यकर्ता उपस्थित थे। मंच संचालन मंच के संघर्ष वाहिनी प्रमुख देवेंद्र भारद्वाज ने किया।