Jaipur : बिना ट्राइल वाली दवाओं की जयपुर में अवैध बिक्री, अब प्रशासन हुआ सख्त

Samachar Jagat | Tuesday, 22 Nov 2022 05:18:17 PM
Jaipur : Illegal sale of drugs without trial in Jaipur, now the administration has become strict

जयपुर। बीमारियों को खत्म करने और राहत पहुंचाने के लिए दवाएं अमृत का सा काम करती है। मगर इस का दूसरा चेहरा बेहद डरावना है। इसके पीछे कारण यह बताया जाता है कि अनेक लोग खुद ही डॉक्टर बन जाते हैं और बिना डॉक्टर की सलाह के दवाओं का उपयोग कर रहे हैं। जिसका विपरीत असर अनेक बार बड़ा ही घातक साबित हो जाता है। इनसे बीमारी से राहत तो दूर वह अनेक तरह की बड़ी बीमारियों की चपेट में आ जाता है। 
चिकित्सकों का कहना है कि कई बार अनेक दवाएं एम्यून सिस्टम ड्रग के खिलाफ एक खास तत्व बनाता है। जिसे एंटीबाड़ी कहते है। यदि यहीं दवा दूसरी बार भी बिना चिकित्सक के ली जाती है तो माईन नामक केमिकल का निर्माण करने लगता है। हिस्टामाइन और दूसरे कै मिल्स एलर्जी का कारण बन जाते हैं। एंटीबायटिक जैसे कि पेनेसिलिन और सल्फा एंटीबायोटिक्स जिसे सल्फाम थोक्साजोल ड्राइमेथ्रिन और एस्प्रीन के अलावा आईबू प्रोफेन,एंटीकांव्रिल्सेल जैसे कार्बामाजेपिन और मोनोक्लोनल एंटी बाडी थ्रेपी जैसे कि स्ट्रेजम्ब और इबिटूमोमैब टक्सीटेन के लक्षणों में इस्तेमाल करने वाली दवाएं, कीमोथ्रेपी में काम में आने वाली दवाएं जैसे पैक्लिटैक्सेल, डोसेटेक्सल और प्रार्बजीन आदि दवाएं यदि मैडिकल टम्र्स के अनुरूप चिकित्सक की देखरेख में नहीं ली जाए तो पेसेंट को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

एक वरिष्ठ चिकित्सक का कहना है कि सिजर्स के इलाज में इस्तेमाल वाली दवाएं, जानवरों के स्त्रोत वाली इंसूलीन, आयोडिन युक्त पदार्थ जैसे एक्सरे कंट्रास्ट डाई, सल्फा ड्रग्स पेनिसिलिन आदि मैडिसीन कई बार सीरियस रियेक्सन कर देती है। एस्प्रीन अस्थमा बढने का कारण बन सकती है। कई बार पेसेंट को उल्टी, बुखार, शरीर पर चिकते, इम्यूनसिस्टम, वायरस,बैक्टीरियल, पैरासाइट से तो गंभीर एलर्जी का कारण बन जाते हैं और इससे कई बार तो पेसंट की मौत तक हो जाती है। 

प्रबंधित दवाओं की बिक्री करने वाले कैमिस्टोंं पर लगाम कसने के लिए हाल ही में 328 दवाओं पर बैन लगाया है। डॉ अनुराग भार्गव प्रोफेसर मैडिसीन, प्रो. रमेश गोयल वाइस चांसलर फार्मा साइंस डॉ. मीरा शिवा - कोर्डिनेटर आल इंडिया ड्रग नेटवर्क, डॉ श्री कांत, डॉ सुमित रे , डॉ रितेश गुप्ता, डॉ अनिल बंसल बताते हैं कि बिना कारण ही दवाएं जिनमें एफडीसी और पेन किलर, एंटीबायटिक, डॉयबटीज, सर्दी-खांसी और सांस की बामीरियों का कारण बन सकती है।  सूत्रों ने यह भी बताया कि अनेक बार कई नई दवाएं बिना कोई ट्राइल के ही उपयोग में ली जा रही है। यह खतरनाक है। बहुत सी बार बहुत सी दवाएं अलग-अलग नाम से यहां के मार्केट में बेची जा रही है। इनकी बिक्री को जल्द ही प्रतिबंधित किया जाएगा। इसकी प्रक्रिया चल रही है।



 

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